घिवहीँ गांव में जिंगल बेल जिंगल बेल जिंगल ऑल द वे के साथ मनाया गया असनाबांध चर्च में क्रिसमस

समर जायसवालदुद्धी- थाना क्षेत्र के घीवही ग्राम पंचायत में स्थित चर्च में मसीही विश्वासियों ने क्रिसमस मनाया। मंगलवार की आधी रात घड़ी की सुई जैसे ही 12 पर पहुंची गिरजाघर के घंटे बज उठे। धर्मगुरुओं ने विश्वासियों को बालक यीशु के जन्म का सुसमाचार सुनाया। खुशखबरी सुन विश्वासी बोल उठे गरीबों के मसीहा आ गए। ख्रीस्त राजा आ गया इसके साथ ही हर ओर खुशियां और उल्लास का नवसंचार प्रवाहित हो गया। सर्द रात की ठिठुरन दूर होकर उमंग में तब्दील हो गई। प्रभु की आराधना के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर प्रभु के आगमन की शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना-मिस्सा का आयोजन किया गया।फादर कमलेश ने क्रिसमस का संदेश सुनाया। कहा क्रिसमस मानवजाति के प्रति ईश्वर के प्रेम का महापर्व है। समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए ईश्वर ने अपने इकलौते पुत्र को हम सबके बीच निवास करने भेजा। क्रिसमस पर्व इसी विश्वास का स्मरणदिवस है। ईश्वर पुत्र होकर भी प्रभु यीशु मसीह ने मानव अवस्था की अत्यंत कठिन परिस्थितियों को स्वीकार कर लिया। इस तथ्य के संस्मरण के बिना क्रिसमस का त्योहार मनाना सार्थक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि यीशु की शिष्यता का प्रमाण आपसी प्रेम से है। आपसी प्रेम का मतलब जाति, धर्म, और देश काल से परे सभी मानवजाति से प्रेम करना, सबके कल्याण के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि बेथहेलम की चरनी से लेकर क्रूस पर चढ़ते समय तक प्रभु ने विनम्रता और करूणा का संदेश दिया। आए दिन दुनिया में बढ़ते हुए द्वेष, घमंडपूर्ण प्रतियोगिता और लड़ाई-झगड़ा होता है। यह मानवजाति के लिए खतरे की घंटी है। नि:स्वार्थ प्रेम से ही शांति, भाईचारा और आपसी क्षमादान का वातावरण स्थापित हो सकताहै। प्रभु यीशु की यही शिक्षा है। ईश्वरीय शांति समझौतों पर नहीं बल्कि प्रेम, करूणा, त्याग और उदारता पर टिका है। ईश्वर का प्यार एकतरफा है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता है। बुधवार को १० बजे चर्च में पुजा के बाद चर्च के प्रांगण में केक चाय के बाद लोगों ने एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते हुए क्रिसमस व नागपुरी गानों में झुमते दिखे इस मौके पर मार्टीन संतोष कुमार अनिल कुमार दिनकर समेत कई लोग मौजूद थे स्थानीय पुलिस के 2 जवान भी मौके पर मौजूद थे!

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