सोनभद्र। पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा की एक बैठक प्रदेश सचिव काकू सिंह की अध्यक्षता में अशोक नगर रावर्टसगंज में आयोजित की गई। जिसमें मोर्चा के पदाधिकारियों सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में अलग पूर्वांचल राज्य बनाने की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया !
इस अवसर पर संगठन प्रमुख पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री देने वाला पूर्वी उत्तर प्रदेश देश का सबसे पिछड़ा इलाका है। ऐसा तब है जब कुदरत ने इस इलाके को वो सब कुछ दिया है जिसके बिना पर यह खुद अपने संसाधनों पर विकास कर सकता है। विकास की दृष्टि में देश में पहले नंबर पर आ सकता है। सभी प्राकृतिक संसाधन इस इलाके में मौजूद है, चाहे नदियों की बात की जाए या खनिज पदार्थों की, प्राकृतिक सौंदर्यता की बात की जाए या इतिहास और संस्कृति की।1962 में उठा पहली बार पूर्वांचल के पिछड़ेपन का मुद्दा उठा था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने
तत्काल वी. पी. पटेल की अध्यक्षता में पूर्वांचल की गरीबी का कारण और तत्काल निवारण विषयक आयोग गठित किया गया, जिसे पटेल आयोग के रूप में जाना गया। इस आयोग के सदस्य आरडी धर, आरएन माथुर, कृष्णचन्द्र विषयों के विशेषज्ञ थे। उसी पटेल आयोग को लागू किया जाना चाहिए जिससे अलग पूर्वांचल राज्य का अस्तित्व आ सके !
राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार यादव एडवोकेट ने कहा कि छोटे-छोटे राज्यों के गठन से प्रशासनिक ढांचा तो मजबूत होगा। राजनीतिक दृष्टि से भी लोगों को लाभ मिलेगा। केंद्राश का लाभ भी मिलने लगेगा। लेकिन सबसे बड़ी चीज जो है कि रोजगार का सृजन कैसे होगा, क्योंकि राज्यों के गठन में प्राकृतिक संसाधन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, ऐसे ऐसे में सभी चीजें राज्य बनाने के लिए उपयुक्त हैं इसलिए पूर्वांचल राज्य का निर्माण हो संचालन जिला अध्यक्ष शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू चौबे ने किया इस अवसर पर कपिल मुनी मिश्रा ईश्वर जायसवाल एडवोकेट वीरेंद्र कुमार सिंह एडवोकेट अतुल कुमार कनौजिया नवीन पांडे कृष्ण कुमार मिश्रा विनय कुमार मिश्रा ललित चौबे संतोष त्रिपाठी दीप नारायण पटेल प्रदीप चौहान श्याम दास विश्वकर्मा प्रेम नारायण भाई धनंजय कुमार कमल भाई सलीम कुरैशी आदि लोग उपस्थित थे।
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