नौ साल बीत गए पर नही हुई रन्नू में सड़क की पीसीसी।

समर जायसवाल

2010 में स्टेट की स्कूल से शिवपूजन बनिया के घर तक 5 किमी मार्ग का जिला पंचायत कोटे से हुआ था डब्लूबीएम सड़क का निर्माण।

उबड़ खाबड़ नोकीले सोलिंगदर सड़क पर ग्रामीण चलने को विवश।

7 टोले को जोड़ने वाली सड़क पर नही पहुँच पाती है एम्बुलेंस।

दुद्धी।तहसील मुख्यालय से 9 किमी दूर स्थित रन्नू गांव में सन 2010 में जिला पंचायत कोटे से 5 किमी सड़क नौ वर्ष बीतने के बाद भी अधूरी है सड़क पर तत्कालीन ठीकेदार द्वारा सोलिंग डालकर छोड़ दिया गया है और अभी तक पीसीसी नही करायी गयी।रन्नू गांव में स्टेट के स्कूल से शिवपूजन बनिया के घर तक बनाई गई सड़क का वर्तमान हालात यह है कि यह सड़क गांव के 7 टोले चितवामंदा ,देवकोठार ,तेंदू टोला,यादव टोला,चरकी टोला,कोरकट टोला सहित अन्य टोलों में ग्रामीणों को गंभीर बीमारी व अप्रिय घटना घटने के बाद एम्बुलैंस नही पहुँच पाती।ग्रामीणों ने बताया कि मेन रोड रामकुमार कोटेदार के घर से देवकोठार टोला शिवनाथ कुशवाहा के घर तक 4 किमी लंबी सड़क की स्थिति यह है कि आये दिन ग्रामीण नुकीले सोलिंग पर गिर कर चोटिल हो रहे है।जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लगभग दो हजार की आबादी इस नुकीले सोलिंगदार सड़क पर चलने को विवश है।ग्रामीण राधेश्याम ,श्रीनिवास,जमुना प्रसाद ,रामप्रसाद ,हीरावती देवी ,मानपति देवी ,मीना देवी,राजबली ,जमुना प्रसाद ,रामप्रसाद ,रामसागर ,मुनिया देवी ,कुंती देवी ,पुष्पलता देवी ने कहा कि मामले को लेकर तहसील दिवस में अनगिनत बार प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नही हुई।कामेश्वर प्रसाद कुशवाहा द्वारा इस मामले की शिकायत अगस्त माह 19 में सीएम हेल्पलाइन पर भी की गई लेकिन मौके की सुधि किसी अधिकारी ने नही ली।ग्रामीणों ने डीएम का ध्यान आकृष्ट कराकर सड़क की निर्माण कराए जाने की मांग की है साथ ही यह भी मांग किया है कि तत्कालीन जिम्मेदारों ने जिन्होंने रोड़ का पैसा खाकर सड़क को अधूरा छोड़ दिया है उनसे पैसे की रिकवरी किये जाने की भी मांग की है।

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