जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शिव ने पार्वती को बताए थे मृत्यु के ये 11 संकेत……

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शिव ने पार्वती को बताए थे मृत्यु के ये 11 संकेत……

कब होगी किसकी मौतधर्म ग्रंथों में भगवान शिव को कालों का काल कहा यानी महाकाल कहा गया है। महाकाल यानी मृत्यु जिसके अधीन हो। भगवान शिव जन्म-मृत्यु, काल आदि सभी से मुक्त हैं। शिवमहापुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को मृत्यु के संबंध में कुछ ऐसे संकेत बताए हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं। इन संकेतों को समझकर यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में होगी।

1.यदि अचानक शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दे तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु ६ महीने के भीतर हो जाएगी। जब मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें तो भी ६ महीने के भीतर ही मृत्यु जाननी चाहिए।

2.जो मनुष्य हिरण के पीछे होने वाली शिकारियों की भयानक आवाज को भी जल्दी नहीं सुनता उसकी मृत्यु भी ६ महीने केभीतर हो जाती है। जिसे सूर्य, चंद्रमा या अग्नि काप्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर काला अंधकार दिखाई दे तो उसका जीवन भी ६ महीने के भीतर समाप्त हो जाता है।

3.ब किसी मनुष्य का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है-ऐसा जाननाचाहिए। जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब वह मनुष्य एक मास तक ही जीवित रहता है।

4.त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता। यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने बीत-बीतते उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।
5.जब किसी व्यक्ति को जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई दे तो समझना चाहिए कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है। जब कोई अपनी छाया को सिर से रहित देके अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो ऐसा मनुष्य एक महीने भी जीवित नहीं रहता।
6.जब चंद्रमा व सूर्य के आस-पास के चमकीला घेरा काला या लाला दिखाई दे तब 15 दिन के अंदर ही उस मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। अरूंधती तारा व चंद्रमा जिसे न दिखाई दे अथवा जिसे अन्य तारे भी ठीक से न दिखाई दें, ऐसा मनुष्य की मृत्यु एक महीने के भीतर हो जाती है।

7.यदि ग्रहों का दर्शन होने पर भी दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बैचेनी छाई रहे तो उस मनुष्य की मृत्यु ६ महीने में हो जाती है। जिसे आकाश में सप्तर्षि तारे न दिखाई दे, उस मनुष्य की आयु ६ महीने ही शेष समझनी चाहिए।

8.जिस मनुष्य को उतथ्य व ध्रुव तारा अथवा सूर्यमंडल का भी दर्शन न हो, रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गीध और कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु ६ महीने से अधिक नहीं होती।

9.जो मनुष्य अचानक सूर्य और चंद्रमा को राहू से ग्रस्त देखता है (चंद्रमा और सूर्य काले दिखाई देने लगते हैं) और संपूर्ण दिशाएं जिसे घुमती दिखाई देती हैं वह अवश्यही ६ महीने में मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
10.जिस व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें तो वास्तव में उसकी आयु एक महीना ही शेष जाननी चाहिए।
11.यदि गीध, कौवा अथवा कबूतर सिर पर आकर बैठ जाए तो वह मनुष्य एक महीने के भीतर ही मर जाता है-इसमें कोई संशयनहीं है।

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