मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए  निर्धारित पाठ्यक्रम की विसंगतियां दूर करने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री के समक्ष ‘मिशन प्रेरणा’ के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण
बेसिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए त्वरित
निर्णय लेते हुए सुधारों को शीघ्र लागू करने के निर्देश
यदि प्रारम्भिक स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो
तो उन्हें माध्यमिक तथा उच्च स्तर की शिक्षा में कोई कठिनाई नहीं होगी
बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों को लगातार प्रशिक्षण दिया जाए: मुख्यमंत्री
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बेसिक शिक्षकों की तैनाती की
समीक्षा करते हुए इसकी विसंगतियों को ठीक करने के निर्देश
राज्य सरकार प्रदेश के बच्चों को अच्छी बेसिक
शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री
शिक्षा का मतलब सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं: मुख्यमंत्री
‘मिशन प्रेरणा’ को पूरे प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश
इसकी सफलता से प्रदेश में बेसिक शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार आएगा

लखनऊ: 21 दिसम्बर, 2019

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर ‘मिशन प्रेरणा’ के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया। यह प्रस्तुतिकरण उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने पर केन्द्रित था।
मुख्यमंत्री जी ने प्रस्तुतिकरण देखने के उपरान्त पूरे प्रदेश में शिक्षक/छात्र अनुपात को सुधारते हुए तार्किक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बेसिक शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम की विसंगतियां दूर करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बेसिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए त्वरित निर्णय लेते हुए सुधारों को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रारम्भिक स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो तो उन्हें माध्यमिक तथा उच्च स्तर की शिक्षा में कोई कठिनाई नहीं होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों को लगातार प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बेसिक शिक्षकों की तैनाती की समीक्षा करते हुए इसकी विसंगतियों को ठीक करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के बच्चों को अच्छी बेसिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं है। उन्होंने बेसिक शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रेरक कहानियों और महापुरुषों के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई कर उच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की एल्युमिनाई मीट आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होंगे। उन्होंने ‘मिशन प्रेरणा’ को पूरे प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी सफलता से प्रदेश में बेसिक शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार आएगा।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी को ‘मिशन प्रेरणा’ के विषय में अवगत कराया गया कि इसके तहत प्रदेश के 75 जनपदों में 1.1 लाख से अधिक विद्यालय, 3.5 लाख से अधिक शिक्षक तथा 1.2 करोड़ छात्र आच्छादित होंगे। यह मिशन स्वयं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में लागू किया जाएगा। इसमें जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और इसका फोकस बुनियादी शिक्षा पर होगा। इसके परिणाम अगले ढाई वर्षों में परिलक्षित होंगे।
‘मिशन प्रेरणा’ के लक्ष्य स्पष्ट होंगे, जिसमें प्रशासनिक, शैक्षिक तथा जवाबदेही शामिल होंगे। विद्यार्थियों द्वारा अर्जित की गई शिक्षा के स्तर के आकलन के लिए प्रेरणा तालिका का निर्धारण किया जाएगा। विद्यार्थियों को अच्छी बेसिक शिक्षा उपलब्ध कराने पर प्रेरक ब्लाॅक, प्रेरक जनपद और प्रेरक प्रदेश जैसी घोषणाएं की जाएंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग के तहत मानव सम्पदा पोर्टल, आॅपरेशन कायाकल्प, प्रेरणा समीक्षा, नियमित अंतराल पर आकलन व परीक्षाएं कराया जाना इत्यादि के सम्बन्ध में अवगत कराया।
मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी ने विद्यार्थियों को उपलब्ध करायी जा रही पुस्तकों को रोचक बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि बच्चे को शिक्षा के प्रायोगिक पक्ष के विषय में भी बताया जाए। शिक्षा गतिविधियों पर आधारित होनी चाहिए।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए नीति आयोग के सलाहकार श्री आलोक कुमार ने कहा कि बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों की अवस्थापना सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है।
इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी सहित बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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