प्रभु का अवतार -धर्म की स्थापना एवं दुष्टों का विनाश हेतु होता है- आचार्य

घोरावल। पेढ गाँव में तेजस्वी सेवार्थ सेवा आश्रम द्वारा आयोजित साप्ताहिक भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन, पूतना का उद्धार विषय पर विस्तार से कथा हुई। प्रभु जब आते है तो पहले अविधा को नष्ट करते है फिर गर्गाचार्य द्वारा वामकरन संस्कार, माता यशोदा कन्हैया को उरवल में वाधती है वमलार्जुन का उद्धार ।गोवर्धन लीला, इंद्र की पूजा बन्द करवा के प्रभु गोवर्धन की पूजा बाल सखाओं ब्रजवासीओ से करवाई तो इंद्र कुपित हो गए और सात दिन तक अखंड वर्षा करने लगे भगवांन ने गोवर्धन जी को सात दिन तक धारण किये रखा और ब्रजवासीओ कि रक्षा करते हुए इंद्र का मोह भंग किये । समस्त ब्रजवासीओ को मोहित करते हुए अलौकिक लीलाओ का वर्णन हुआ । प्रभु का अवतार -धर्म की स्थापना एवं दुष्टों का विनाश हेतु होता हैभगवान अपने भक्तों को दर्सन देते हुवे भक्तो के हृदय में भक्ति का संचार करते हैं। आज यज्ञ के पंचम दिवस में प्रातः कालीन यज्ञाचार धीरेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में पूजन अर्चन एवं दिब्य आरती सम्पन्न हुआ ।तेजस्वी सेवार्थ सेवा आश्रम -कथा व्यास-श्रवर्णानंद महाराज के द्वारा भावगत कथा में संगीत का सृजन करते कुलदीप त्रिवारी अंकित दुबे नागेन्द्र दुबे सम्लित रहे।

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