लखनऊ 16 दिसम्बर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां रिजर्व पुलिस लाइंस में महिला रिक्रूट आरक्षियों की दीक्षान्त परेड की सलामी लेते हुए कहा कि इसके माध्यम से इन महिला आरक्षियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को नई ऊंचाई प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इन सभी महिला आरक्षियांे ने विगत 06 माह के दौरान कठिन परिश्रम से जो प्रशिक्षण प्राप्त किया है वह उन्हें कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी और पेशेवर पुलिस बल का अभिन्न अंग बनने में सहायता करेगा। किसी भी पेशेवर पुलिस बल की आत्मा उसके प्रशिक्षण में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जनता के साथ पुलिस का जो नजदीकी सम्बन्ध होना चाहिए वह कई बार परिस्थितियों के कारण बाधित हो जाता है, लेकिन व्यवस्थित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मी जब किसी अभियान से जुड़ेंगे तो उनके कार्याें की प्रशंसा होगी। उन्हांेने दीक्षान्त समारोह की परेड जैसे कार्यक्रमों में दर्शकों के रूप में बच्चों को बुलाने पर बल देते हुए कहा कि जब वे परेड देखेंगे तो उनके मन में पुलिस बल का हिस्सा बनने की इच्छा उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले ढाई वर्षाें में 80 हजार से अधिक नवयुवकों/नवयुवतियों को पूरे पारदर्शी तरीके से उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बनाया गया। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों को पदोन्नतियां भी दी गयी हैं। प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष पुलिस बल के लिए गृह विभाग के बजट में कई गुना वृद्धि करते हुए पुलिस लाइंस निर्माण और पुलिसकर्मियों के लिए आवासीय और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। राज्य सरकार द्वारा अच्छे कार्य के लिए पुलिसकर्मियों को सेवा मेडल भी दिये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था के प्रति अत्यन्त सजग है। राज्य सरकार द्वारा बडे़ पैमाने पर भर्ती किये गये आरक्षियों, सबइन्स्पेक्टरों इत्यादि के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गयी है, क्योंकि प्रभावी प्रशिक्षण उन्हें पेशेवर पुलिसकर्मी बनने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आज की इस पासिंग आउट परेड की ही तरह उन्हें विगत 24 नवम्बर को डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर उ0प्र0 पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में उप निरीक्षक नागरिक पुलिस तथा अन्य प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश पुलिस अब एक प्रभावी पुलिस बल बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पासआउट होने वाली महिला आरक्षी अब पुलिस विभाग के दैनिक कार्याें में सहभागी होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इनके दायित्व बढ़ गये हैं और इनकी असली परीक्षा की शुरुआत अब हो रही है। उन्होंने सभी महिला आरक्षियों का आह्वान किया कि वे अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी, दृढ़ निश्चय तथा परिश्रम से निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग को प्रभावी बनाने में इनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विशाल पुलिस परिवार की सौम्यता एवं सहृदयता के प्रतीक के रूप में, अब ये महिला आरक्षी समाज में अपनी सकारात्मक उपस्थिति दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाएं व बच्चियां जहां इनके साथ सहज होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकेंगी, वहीं उनके प्रति इनका संवेदनशील एवं ममतामयी व्यवहार उनकी पीड़ा को कम करेगा। इससे पुलिस पीड़ित महिलाओं की समुचित मदद कर सकने में समर्थ होगी। साथ ही, समाज में पुलिस के प्रति सकारात्मक भाव भी पैदा होगा, जो विभाग के लिए इन सभी का उल्लेखनीय योगदान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी महिला आरक्षी अब लम्बे समय तक महत्वपूर्ण जन सेवा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट हो रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा अपराध नियंत्रण की अत्यन्त कड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि इस नयी प्रशिक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत प्रशिक्षित होकर ये सभी इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने में समर्थ होंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराधों के नये-नये आयाम और उनके बदलते स्वरूप को देखते हुए राज्य सरकार ने पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण के साथ ही, गहन पुलिस प्रशिक्षण की आवश्यकता को महसूस किया है। इसके दृष्टिगत, वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में प्रथम बार पुलिस प्रशिक्षण हेतु 31 केन्द्रों पर वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किये गये। इसके अलावा, प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में फाॅरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी एवं पुलिस अकादमी स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इतनी विशाल आबादी वाले राज्य में कानून-व्यवस्था एवं अपराधों पर नियंत्रण बनाये रखना भी एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान राज्य सरकार के ढाई वर्ष से अधिक की कार्यावधि में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है। प्रयागराज कुम्भ-2019, 15वें प्रवासी भारतीय दिवस तथा लोक सभा के आम चुनाव को सकुशल और निर्विघ्न सम्पन्न कराया गया है। इसके अलावा, कांवड़ यात्रा सहित प्रदेश में विभिन्न पर्व, त्योहार और मेले भी सकुशल एवं शांतिपूर्वक सम्पन्न कराये गये। अयोध्या प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के उपरान्त प्रदेश में शांति व्यवस्था पूरी तरह से बनी रही, जिसमें पुलिस बल ने अपनी भूमिका भलीभांति निभायी। बेहतर और चाक-चैबन्द कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण देश और दुनिया में प्रदेश की छवि आज बदल चुकी है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक ओ0पी0 सिंह ने कहा कि पुलिस बल को सक्षम बनाने के लिए नवीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विकसित किया गया है। उन्हें साइबर क्राइम, विधिक प्रशिक्षण, कम्प्यूटर सहित अन्य आवश्यक विषयोें की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान उपलब्ध करायी गयी है। पुलिस को जनोन्मुखी बनाये जाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम स्थल पहुंचने के उपरान्त पासिंग आउट परेड का अवलोकन किया और परेड की सलामी भी ली। उन्होंने सभी पासिंग आउट महिला आरक्षियों को शपथ भी दिलवायी। इस अवसर पर उन्होंने प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार का भी वितरण किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेशक द्वारा स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री चेतन चैहान, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा, ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल, लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी सहित बड़ी संख्या में पासिंग आउट महिला आरक्षियों के परिजन तथा स्कूली बच्चे भी मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि आज की पासिंग आउट की परेड में 677 महिला आरक्षी शामिल थीं, जिनमें लखनऊ पुलिस लाइंस में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 389 महिला आरक्षी तथा सीतापुर पुलिस लाइंस में 288 प्रशिक्षाणार्थी सम्मिलित हैं।