कुदरी लीलासी के बीच डेढ़ किमी परिक्षेत्र में परत दर परत यूरेनियम
अब 15 दिन सिंघरौली क्षेत्र में युरेनीयम की होगी एरो जिनेटिक विधि से खोज
म्योरपुर सोनभद्र (विकास अग्रहरी/पंकज सिंह)
ऊर्जा और खनिज संपदा के क्षेत्र में देश विदेश में पहचान रखने वाला म्योरपुर ब्लॉक अब यूरेनियम के लिए भी पहचान बना सकता है ।पिछले महीने से म्योरपुर में परमाणु ऊर्जा विभाग और एम जी आर हैदराबाद की टीम जांच में लगी है। वेज्ञानिको ने नाम न छापने की शर्त पर दावा किया है कि कोयला भण्डारण के साथ इस क्षेत्र की धरती के अंदर अन्य खनिज संपदा का अकूत भंडार हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग ने तो अपने बेब साइड पर म्योरपुर से 13 किमी दूर लीलासी कुदरी के बीच ढाई किमी परिक्षेत्र में यूरेनियम होने की बात कही है यहां धरती के गर्भ में परत दर परत यूरेनियम होने का जिक्र किया गया है। इससे साफ है कि म्योरपुर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी खनिज संपदा होने की प्रबल संभावना है।इस बीच हवाई पट्टी सूत्रों से खबर आयी है कि दोनों टीमें अब म्योरपुर ब्लॉक से सटे एम पी के सिंघरौली जिले के आस पास 15 दिनों तक हेलीकॉप्टर द्वारा एरो मैगनेटिक बिधि से खनिज संपदा की जांच करेगी।और यूरेनियम के अलावा अन्य खनिज संपदा का पता लगाएगी।हवाई पट्टी पर हेलीकॉप्टर टीम के इंचार्ज बीर सिंह का कहना है कि हम मीडिया को कुछ भी जानकारी उपलब्ध नही करा पाएंगे।एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी से जानकारी मिल जाएगी।एस डी एम विशाल यादव का कहना है कि अभी तो जांच चल रही है।जो भी जानकारी मिलेगी उसे सार्वजनिक किया जाएगा।
हिमालय से 60 करोड़ वर्ष पुराना है यह क्षेत्र
दाक्षिणांचल के जंगल पहाड़ और नदिया हिमालय पर्वत से 60 करोड़ वर्ष पुरानी है और इस क्षेत्र में ऐसे पत्थर है जिसमे लोहा भी है पहले के लोग खुद पत्थर गला लोहा बना लेते थे। बीएचयू के भू वैज्ञानिक डॉ वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि मैं खुद कई बार यहां अध्ययन कर चुका हूं।आज विज्ञान बहुत आगे है।और इस क्षेत्र में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में होने की पूरी आशा है।
विस्थापन का भय
परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा जब से हेलीकॉप्टर से खनिज संपदा खास कर यूरेनियम खोज की जा रही है म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र में एक और विस्थापन का डर भी लोगो को सताने लगा है ।ग्राम प्रधान प्रेम चंद ,छोटकी देवी राम दयाल राम लखन का कहना है कि अगर युरेनियम मिला तो एक बार फिर से उजड़ना तय है।