जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सुर्य रेखा…….

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सुर्य रेखा…….

सूर्य रेखा के प्रकार व उनका मानव जीवन पर प्रभाव:

हस्त रेखा विज्ञान का महत्व जीवन में बहुत है.हस्त रेखा विज्ञान के माध्यम से मनुष्य भविष्य के बारे में सचेत होकर सही गलत का निर्णय ले सकता है.हथेली में अनेक प्रकार की रेखाएं पाई जाती हैं जिनमें मुख्य रेखाएं जीवन रेखा,मस्तिष्क रेखा व ह्रदय रेखा होतीं हैं, इसके अलावा भी अनेक प्रकार की रेखाएं जैसे सूर्य रेखा,भाग्य रेखा स्वास्थ्य रेखा व विवाह रेखा आदि पायीं जाती हैं.सभी रेखाओं का अपना महत्व हाथ में होता है.इस आर्टिकल में हम सूर्य रेखा की चर्चा करेंगे.

सूर्य रेखा मानव को जीवन में यश,मान,प्रतिष्ठा व ऐश्वर्या दिलाने में सहायक होती है.सूर्य रेखा को अंग्रेजी में सन लाइन या अपोलो लाइन कहते हैं.हिंदी में इसे यश रेखा भी कहा जाता है.यदि किसी व्यक्ति के हाथ में जीवन रेखा,ह्रदय रेखा,मस्तिष्क रेखा रेखा पुष्ट हो परंतु यदि उसके हाथ में सूर्य रेखा कमजोर अथवा दूषित है तो वह व्यक्ति जीवन में बदनामी का सामना करता है व उसका जीवन शून्य होकर रह जाता है.

अब जान लेते हैं कि सूर्य रेखा क्या होती है,हथेली के किसी भी हिस्से से शुरू होकर यदि कोई रेखा सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है तो उसे सूर्य रेखा कहते हैं,जैसा कि चित्र में कई प्रकार की सूर्य रेखाओं को दिखाया गया है:
अतः अपने उद्गम स्थल के आधार पर सूर्य रेखा मुख्य 12 प्रकार की होती है. सूर्य रेखा का फल व्यक्ति के जीवन पर किस प्रकार पड़ेगा,यह सूर्य रेखा के उद्गम स्थल के आधार पर तय किया जाता है, तो आइए अब हम विस्तार से सूर्य रेखा के प्रकारों के बारे में अध्ययन कर लेते हैं.

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार सूर्य रेखा के 12 प्रकार बताए गए हैं जो निम्न है:
.पहला प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा शुक्र पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

इस प्रकार की सूर्य रेखा वाला जातक आर्थिक रुप से संपन्न होता है.जीवन में पत्नी के अलावा कई स्त्रियों के संपर्क में रहता है.साथ साथ ही में स्त्रियों से धन लाभ प्राप्त करता है. ऐसे व्यक्ति को ससुराल से धन प्राप्त होता है. ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय विवाह के पश्चात होता है.ऐसा भी देखा गया है की इनका भाग्योदय इनकी प्रेमिका भी करवाती है. कई बार ऐसे व्यक्ति गोद ले लिए जाते हैं जिससे उन्हें विशेष धन प्राप्त होता है.

2. दूसरा प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा जीवन रेखा की समाप्ति के स्थान से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

बहुत कम हाथों में ऐसी रेखा देखने को मिलती है, जिन लोगों के हाथ में ऐसी रेखा होती है वे कला के माध्यम से धन संचय करते हैं.

3.तीसरा प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा मंगल पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:
फल:::
इस प्रकार की सूर्य रेखा जिन लोगों के हाथ में होती है वे पुलिस विभाग या मिलिट्री में उच्च पद पर पहुंचते हैं.ऐसे व्यक्ति अपने प्रयत्नों से सफलता प्राप्त करते हैं व धीरे-धीरे परिश्रम करके अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं.

4.चौथा प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा मस्तिष्क रेखा से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

इस प्रकार की सूर्य रेखा वाले लोग उच्च कोटि के वैज्ञानिक तार्किक व दार्शनिक व्यक्ति होते हैं. यह जो भी कार्य प्रारंभ करें उसमें उन्हें सफलता मिलती है.यह व्यक्ति तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी होते हैं,जीवन के 28 वर्ष के बाद इनका भाग्योदय होता है तथा समाज में इनको विशेष यश व सम्मान प्राप्त होता है.

5.पांचवा प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा ह्रदय रेखा से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

इस प्रकार के व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं जीवन के 15 वर्षों बाद ही इनका सम्मान और यश अत्यंत उच्च स्तर का हो जाता है. इनके कार्य चमत्कारपूर्ण ढंग से संपन्न होते हैं तथा जीवन में मृत्यु के बाद भी उन्हें अक्षुक्षण यश मिलता है.

6.छठवां प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा हर्षल क्षेत्र से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में परिश्रम के कारण न्यायाधीश बैरिस्टर अथवा प्रमुख शिक्षाशास्त्री बन जाते हैं. जीवन में कई बार विदेश यात्राएं करते हैं.विदेश में प्रेम संबंध के कारण इन्हें बदनामी भी सहनी पड़ती है.

7. सातवां प्रकार:
इस प्रकार की सूर्य रेखा चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

ऐसे व्यक्तियों का भाग्य उदय विवाह के बाद होता है विवाह के बाद यह व्यक्ति आश्चर्यजनक रूप से प्रगति करते हैं.अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं तथा अपने लक्ष्य तक पहुंचने की योग्यता जुटा लेते हैं. ऐसे व्यक्तियों को शानो-शौकत,दिखावा प्रिय लगता है. यह अपने चारों ओर आडंबरपूर्ण वातावरण बनाए रखते हैं.

8.आठवां प्रकार:

इस प्रकार की सूर्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

ऐसे व्यक्तियों के जीवन में मान पद-प्रतिष्ठा ऐश्वर्य आदि का कोई प्रभाव नहीं रहता है.ऐसे व्यक्ति सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं व धर्म में पूरी आस्था रखते हैं. ऐसे व्यक्ति उच्च कोटि के व्यापारी एवं सफल साहित्यकार होते हैं.

9.नोंवा प्रकार:

इस प्रकार की सूर्य रेखा केतु पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:
फलादेश:

ऐसे व्यक्तियों का जीवन बचपन से ही बहुत सुख में व्यतीत होता है.उनके जीवन में धन और ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं रहती है.जीवन में ऐसे लोगों को बहुत अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता है. थोड़े से प्रयत्नों से ही इनको जीवन में सफलता मिल जाती है.परंतु इन लोगों की यह कमी होती है कि इनका संबंध समाज में निम्न स्तर के व्यक्तियों से होता है,जिससे इनका समाज में थोड़ा बहुत सम्मान कम हो जाता है. परंतु ना तो यह समाज की परवाह करते हैं कि अपने ऊपर किस तरह का अंकुश लगाते हैं.

10.दसवां प्रकार:

इस प्रकार की सूर्य रेखा राहु से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

ऐसे व्यक्ति चतुर व उत्साही होते हैं. यह बात के मूल में तुरंत पहुंच जाते हैं और सामने वाले व्यक्ति के चेहरे को देखकर ही उसके मन के भावों को पहचान लेते हैं.जीवन में यह व्यक्ति स्वतंत्र प्रकृति के होते हैं एक बार जो भी निर्णय लेते हैं उसे पूरी तरह से अमल करते हैं जीवन में ऐसे व्यक्ति सफल और श्रेष्ठ मित्र कहे जा सकते हैं.

11.ग्यारहवां प्रकार:

इस प्रकार की सूर्य रेखा हथेली के बीच से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया है:

फलादेश:

ऐसे व्यक्ति प्रबल भाग्यशाली होते हैं.ऐसे व्यक्तियों को जीवन में कई बार आकस्मिक धन लाभ होता है समाज में भौतिक दृष्टि से इनके जीवन में कोई भी कमी नहीं रहती है. सभी दृष्टियों से यह व्यक्ति सुखी और सफल कहे जाते हैं.

12.बारहवां प्रकार:

इस प्रकार की सूर्य रेखा बुध पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत पर पहुंच जाती है,जैसा कि चित्र में दिखाया गया

फलादेश:

जिन लोगों के हाथ में इस तरह की रेखा होती है.वह सफल अभिनेता होते हैं.कला के माध्यम से अतुल्य धन तथा यश प्राप्त करते हैं.

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