जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जलयात्रा, यात्रा, और दुर्घटना की भविष्यवाणी……

धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जलयात्रा, यात्रा, और दुर्घटना की भविष्यवाणी……

चद्र पर्वत पर गहरी रेखाएं और जीवन रेखा से महीन रेखाएं जो चंद्र पर्वत की ओर जाती हैं वह रेखाएं यात्रा की रेखाएं कहलाती हैं। कभी कभी छोटी रेखाएं भाग्य रेखा से निकलती हुई चंद्र रेखा की ओर जाती हैं जो यह दर्शाती है कि व्यक्ति को लाभदायक और बौद्धिक विदेश यात्रा का योग है। इसलिये जीवन रेखा मे परिवर्तन द्वारा और चंद्र पर्वत में छोटे-छोटे परिवर्तन द्वारा यात्रा रेखा के विषय मे जाना जा सकता है परन्तु कुछ और रेखाओं के परिवर्तन से भी छोटी-छोटी यात्राओं का पता लगाया जा सकता है।
रेखाओं के आकार और स्थिति के द्वारा सामान्य विवरण नीचे दिया जा रहा है

यदि यात्रा रेखा का अंत छोटे क्रॉस के साथ शुक्र पर्वत पर हो तो, यह दर्शाता है कि व्यक्ति की यात्रा का अंत निराशाजनक होगा।

यदि यात्रा रेखा के अंत मे वर्ग हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति की यात्रा संकट से भरी होगी, परन्तु यह उसके लिये मृत्यु कारक नही होगी।

यदि यात्रा रेखा के अंत मे द्वीप हो तो व्यक्ति की कितनी भी छोटी यात्रा हो अंततः वह नुकसानदायक ही होती है।

यदि लग्न रेखाएं मणिबंध की ओर आती हुई चंद्र पर्वत की ओर जाएं तो यह शुभ संकेत माना जाता है।

यदि ये रेखाएं हथेली को पार करती हुई गुरु पर्वत की ओर जाएं तो व्यक्ति को शक्ति और उच्च पद प्राप्त होता है और व्यक्ति की यात्राएं लम्बी होगी।

यदि यह रेखाएं शनि पर्वत की ओर जाएं तो व्यक्ति की यात्रा पूर्णतः विध्वंसक होती है।

यदि ये रेखाएं बुध पर्वत पर पहुँचती हैं तो व्यक्ति को अचानक और अप्रत्याशित धन लाभ होगा।

यदि ये रेखाएं भाग्य रेखा से मिलते हुये आगे बढती है तो व्यक्ति की भौतिक यात्राऐं लाभदायक होगी।

यदि ये खड़ी रेखाएं झुकाव के साथ नीचे कलाई की ओर जाएं तो व्यक्ति की यात्रा दुर्भाग्यपूर्ण होगी।

दुर्घटना…..
जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा द्वारा दुर्घटनाओ को दर्शाया गया है। यात्रा रेखा और जीवन रेखा के कुछ अन्य बिन्दुओं द्वारा घटनाओं का विवरण नीचे दिया जा रहा है।
यदि एक रेखा का आरंभ शनि पर्वत पर होता है और वही रेखा जीवन रेखा पर झुकाव लिए हुए समाप्त हो जाए तो व्यक्ति को आंशिक खतरा होता है।
यदि इस रेखा का जीवन रेखा या उससे पहले क्रास के साथ अंत हो जाए तो व्यक्त को बहुत ही गंभीर दुर्घटना से राहत मिल जाती है।
यदि यह संकेत शनि पर्वत पर उभरे तो व्यक्ति को जानवर या किसी और कारण से दुर्घटना का सामना करना पड़ेगा।
शनि पर्वत से कोई सीधी रेखा जीवन रेखा पर मिलती है तो यह व्यक्ति को किसी भी प्रकार के खतरे का संकेत देती है।

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