सोनभद्र।युवक मंगल दल के तत्वावधान में सप्तदिवसीय संगीतमय व लीलामय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ व कथा ग्राम सरौली ,डीह बाबा प्रांगण में चतुर्थ दिवस की कथा में राजा सगर के चरित्र की कथा सुनाई गई।जिसमें बताया गया कि राजा सगर के साठ हजार पुत्रों के अश्वमेध घोड़ा ढूंढने पर उनके रथ के पहियों से सात लकीरें बन गईं जो बाद में सागर बन गए। राजा सगर के ही वंश में राजा भगीरथ हुए जो गंगा जी को पृथ्वी पर लाये और गंगा जी जब पृथ्वी पर आईं तब उनके वेग में जह्नु मुनि का आश्रम भी बह गया और क्रोधित हो कर जह्नु मुनि गंगा जी को पी गए और भगीरथ जी के प्रार्थना करने पर जह्नु मुनि ने पुनः गंगा जी को अपनी जंघा चीर कर बाहर निकाला और गंगा जी का नाम जाह्नवी पड़ा। उन्ही के वंश में आगे चल कर महाराज रघु हुए और इक्ष्वाकुवंश का नाम रघुवंश भी हुआ और उन्ही के वंश में महाराज दशरथ जी हुए जिनके पुत्र रूप में भगवान ने असुरों के विनाश के लिए रामावतार लिया।
कथा सुनाते हुए बाल व्यास आराधना शास्त्री जी ने बताया कि हम सबको कथा सुन कर अपने जीवन मे उसके कुछ अंश को धारण भी करना चाहिए और प्रभु श्री रामचंद्र जी ने तो पहली ही शिक्षा यही दी है कि प्रातः उठ कर सबको माता पृथ्वी को और सभी बड़ों को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि बड़ों का आशीर्वाद सदैव लेना चाहिए जिससे उनके आशीर्वाद से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाएं।कथा में फुलवारी प्रसंग में राम जी व सीता जी की प्रथम भेंट हुई और धनुष भंग की कथा का सभी श्रोताओं ने लीला झांकी सहित आनंद लिया। सभी भक्त आनंद में झूमते हुए केवट प्रेम को देख कर और केवट व भगवान की वार्ता सुन कर भावविभोर हो गए। प्रभु श्री सीताराम जी के अयोध्या के राज्यसिंहासन पर अभिषिक्त होने पर समस्त कथा पांडाल राजा रामचंद्र की जय जयकार से गूंज उठा। देवकी – वासुदेव जी का विवाह, कंश का अत्याचार व भगवान के अवतार का वर्णन करते हुए कथा में भगवान श्रीकृष्ण जी का प्राकट्योत्सव मनाया गया जिसमें सभी बच्चों के लिए खिलौने व सभी भक्तों के लिए प्रसाद का प्रबंध युवक मंगल दल के जिलाध्यक्ष श्री सौरभ कांत पति तिवारी जी व उनकी धर्मपत्नी अंशिका तिवारी जी द्वारा किया गया। यज्ञ के आचार्य पं0 श्री सौरभ कुमार भारद्वाज जी ने सभी को कथा सुनने व जीवन मे धारण करने का संदेश दिया। श्रीमद्भागवत महापुराण का पारायण पं0 श्री दीपेंद्र कुमार पाण्डेय जी द्वारा किया गया। कथा में झांकी के माध्यम से कोटा राजस्थान से पधारे हुए लीला व्यास ज्ञानेश जी साथ देते रहे व संगीत के माध्यम से ऑर्गन पर सुनील पाठक जी, नाल पर शेखर जी व पैड पर राकेश जी बने रहे।जिला मंत्री मनोज कुमार दीक्षित,नीतीश कुमार चतुर्वेदी व सामाजिक कार्यकर्ता आलोक मिश्रा ने कथा में आये हुए सभी भक्तों व अतिथियों के प्रति आभार ब्यक्त किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से संजय मिश्रा,सूर्यकांत तिवारी,सुभाष दीक्षित,अजित पटेल,छविनाथ पटेल,मुकेश द्विवेदी,नीरज तिवारी,मनीष पटेल,चंद्रकांत,आर्यन,चिराग,सक्षम,सरिता,पुष्पा,सुभद्रा आदि लोग उपस्थित रहे।