शिव विवाह व लीला झांकी देख भाव विभोर हुए भक्त

सोनभद्र।युवक मंगल दल सोनभद्र द्वारा घोरावल ब्लॉक के सरौली गांव में सप्तदिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में द्वितीय दिवस की संध्या कालीन कथा में भजन , कथा व लीला झांकी के माध्यम से बाल व्यास आराधना शास्त्री जी ने कहा कि मात्र कथा सुनने से भक्ति प्राप्त नहीं होती ।

ईश्वर की भक्ति प्राप्त करने के लिए स्वयं को उस अनुरूप बनाना पड़ता है क्योंकि भगवान भी कहते हैं कि ” निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा।।” अर्थात जब मन मे राग – द्वेष की भावना नहीं रहेगी, छल, कपट नहीं होगा तभी ईश्वर को पाया जा सकता है। मन पर, वचन पर और कर्म पर नियंत्रण रखना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा जीव अधःपतन की ओर गिरने लगता है।

भगवान श्री कृष्ण जी विदुर जी के यहाँ गए और विदुरानी के प्रेम के वशीभूत हो कर केले के छिलके का भोग लगाया क्योंकि भगवान भाव के भूखे हैं और जीव के प्रेम को उसके भाव को ही स्वीकार करते हैं। कथा क्रम में सृष्टि का वर्णन, भगवान के विराट स्वरूप का वर्णन , माता सती को ब्रह्म की सत्ता पर संदेह होने पर शिव जी द्वारा माता सती का क्योंकि यदि धर्म के लिए कर्म मार्ग का त्याग करना हो तो इसमें विचार नहीं करना चाहिए क्योंकि ईश्वर भक्ति व भाव का विषय है न कि संदेह का और जिसके मन में ईश्वर की सत्ता के प्रति संदेह हो जाये वह नष्ट हो जाता है क्योंकि गीता में भी कहा गया है कि “संशयात्मा विनश्यति” इसी कारण से जब माता सती अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में गईं और वह सबका स्थान देखा परंतु शिव जी का स्थान नहीं देख कर दुःखित हुई और फिर जब दक्ष प्रजापति ने शिव जी के लिए अपमानसूचक शब्द कहे तो माता सती ने अपने प्राणों को योगाग्नि में भस्मीभूत कर दिया। सभी कथाएं लीला झांकी के माध्यम से भी दिखाई गईं जिसे देख कर व कथा सुन कर श्रोताओं में आनंद की लहर छाई रही । शिव जी व पार्वती जी के विवाह की कथा भी भजन व झांकी के माध्यम से दिखाई गई।कथा में सेवा समर्पण संस्थान के प्रदेश सह-संगठन मंत्री आनंद जी,विमल सिंह देशी जी प्रांतीय कार्यसमिति सदस्य सेवा समर्पण संस्थान काशी प्रांत,परमेश शुक्ला जी राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,कैप्टन सत्यप्रकाश जी,जिला कार्यसमिति सदस्य सेवा समर्पण संस्थान आलोक चतुर्वेदी जी प्रेमनाथ सिंह कुशवाहा जी कथा सुनने के पश्चात आरती में शामिल हुए।श्री आनंद जी ने कहा कि युवा पीढ़ी के द्वारा इस तरह का जो धार्मिक आयोजन किया जा रहा है निश्च्य ही सराहनीय है।आज के युवाओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो धर्म व संस्कृति की रक्षा करें।मुख्य यजमान प्रेमनाथ उपाध्याय,मुनिव्यास गिरी,कृपाशंकर पटेल,रामायण यादव के द्वारा विधि-विधान से पूजन अर्चन किया।युमंद के जिलाध्यक्ष सौरभ कांत पति तिवारी ने कार्यक्रम में आगमन हेतु सभी अतिथितियों एंव भक्तगणों के प्रति आभार व्यक्त किया।उक्त अवसर यज्ञाचार्य सौरभ कुमार भारद्वाज,दीपेन्द्र पाण्डेय,लीला व्यास ज्ञानेश जी,नीतीश कुमार चतुर्वेदी,आलोक मिश्रा,मनोज कुमार दीक्षित,मुकेश द्विवेदी,अजीत पटेल,हिमांशु,अवधेश पाण्डेय,छविनाथ,शुभाष दीक्षित,सुनील पाठक,राकेश,अंकित पाण्डेय,छोटू पाण्डेय,मनीष पटेल आदि लोग उपस्थित रहे।

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