जनवरी में होगा ठेका मजदूर यूनियन का पिपरी में जिला सम्मेलन
यूनियन की बैठक में हुआ फैसला
ओबरा, सोनभद्र 30 नवम्बर 2019, बेहतर उत्पादन के लिए जरूरी है कि मजदूरों के सम्मान, सुरक्षा और आजीविका का इंतजाम किया जाए। बिना मजदूर के जीवित रहे उत्पादन नहीं हो सकता। आज आरएसएस की मोदी सरकार की कारपोरेटपरस्त नीतियां मजदूर वर्ग के सम्मान, सुरक्षा और आजीविका पर हमला कर रही है। नयी वेतन संहिता में 178 रूपए न्यूनतम मजदूरी घोषित करना मजदूरों का अपमान है। यहीं नहीं इस संहिता में एक परिवार को जीवित रखने के जो मानदण्ड़ थे उन्हें भी बदल दिया गया है। रोजगार संकट लगातार बढ़ रहा है। महंगाई की वृद्धि के अनुपात में मजदूरी नहीं बढ़ रही, परिणामतः लोगों की क्रयशक्ति घट गयी है। जनता की गाढ़ी कमाई का पीएफ, बैंक, बीमा आदि में जमा पैसा चंद कारपोरेट घरानों और माफियाओं को दे रही है। आज पूंजी की तानाशाही देष पर लादने में मोदी यदि कामयाब हो रहे है तो इसका एक बड़ा कारण देष में मौजूदा विपक्ष का नकारापन और मजदूर विरोधी नीतियों पर सहमति का होना है। इसलिए मजदूर वर्ग को जनराजनीति खड़ा करने के ऐतिहासिक कार्यभार को पूरा करना होगा। यह बातें आज ठेका मजदूर यूनियन के कार्यालय पर जिला कार्यकारणी की विस्तारित बैठक में बोलते हुए श्रम बंधु और वर्कर्स फ्रंट के प्रदेष अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहीं। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष तेजधारी गुप्ता ने और संचालन मंत्री कृपाशंकर पनिका ने किया।
बैठक में उपस्थित युवा मंच के संयोजक राजेष सचान ने कहा कि मजदूर वर्ग को नीतियों को बदलने के लिए आगे आना होगा। पूंजीवादी दलों का समर्थन करके मजदूर वर्ग को कुछ हासिल नहीं होगा। बैठक में प्रस्ताव लेकर जनवरी माह में जिला सम्मेलन करने का और सम्मेलन के पूर्व बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय हुआ।
बैठक में पूर्व सभासद का0 मारी, जिला उपाध्यक्ष तीरथराज यादव, धु्रवनारायन राय, सिंहलाल गोंड़, जगत नरायन जायसवाल, विनोद यादव, रमेश सिंह खरवार, सुरेश गोंड़, अशोक यादव नागेन्द्र गोंड़, दयाराम गोंड़ आदि लोगों ने अपने विचार रखे।