पंकज सिंह/विकास अग्रहरी@sncurjanchal
पी एस आई देहरादून ने पेशाब की जांच के बाद किया खुलासा
म्योरपुर ब्लॉक के गडिया गांव से 90 लोगो का लिया था नमूना
म्योरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत गडिया और उसी गांव के एक अन्य बस्ती बिच्छी टोले में फ्लोराईड की अधिकता वहां के रहवासियों के लिए विकलांगता के साथ जान लेवा सावित हो रही है। साल भर पहले गांव से लोक विज्ञान संस्थान देहरादून और बनवासी सेवा आश्रम ने संयुक्त रूप से 90 लोगो का पेशाब का सेम्पल लिया था ।जिसकी जांच रिपोर्ट की जानकारी देते हुए गुरुवार को युवा पर्यावर्ण बैज्ञानिक प्रेम नारायण ने बताया कि लिए गए सेम्पल में 78 लोगो के पेशाब में मानक से ज्यादा फ्लोराईड पायी गयी
।बताया कि गांव के रामा के पेशाब में 16.9 केवला देवी में 13.2 हरी में 12.9 लाल बाबू में 12.05 सुकवारिया में 12.3 राम सजीवन में 7.21 धनी देवी सहित सभी मे में 7.29 मिली मीटर फ्लोराईड पायी गयी है जबकि मानक पर लीटर 1.5 मिली लीटर है । जो बहुत चिंता जनक है बताया कि दोनों संस्थानों की सहयोग से गांव में एल्युमिना फ्लोराईड कीट बाटा गया है लेकिन वह पर्याप्त नही है। इ ग्राम प्रधान प्रेमचंद यादव ने बताया 2016 में इस गांव में एक साल में 22 मौतें हो चुकी है और लोग तिल तिल बीमारोयो से जूझ रहे है लेकिन इस गांव में शुद्ध पानी की न आपूर्ति हो रही है न ही फ्लोराईड रोधी संयंत्र स्थापित किया गया है। कहा कि तत्कालीन जिलाधिकारी आर पी उपाध्याय ने उस दौरान जल निगम की टीम मौके पर भेज कर पानी का सेम्पल लिया था और जांच में फ्लोराईड की अधिकता की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौप कर कहा था कि वहाँ के हैण्डपम्प और कुआं ,तालाब में भी फ्लोराईड की मात्रा मानक से ज्यादा है। श्री यादव ने मामले को लेकर जिला प्रशासन से लिखित भी पत्र दे चुके है लेकिन आज तक कोई व्यवस्था नही की गई। जल निगम के अवर अभियंता दीपचंद गुप्ता का कहना है कि जल निगम के पास कोई धन नही है जिससे गांव को शुद्ध पानी की व्यवस्था करे।शासन जब योजना आएगी तो व्यवस्था की जाएगी।