
शिमला –इन्वेस्टर मीट के महा आयोजन के बाद सरकार ने कहा है कि बड़े निवेशक समूहों को यहां पर मंजूरियां दिलाने और उन्हें जानकारी देने के लिए नोडल अधिकारियों के अलावा विशेष संपर्क अधिकारी तैनात किए जाएंगे। सीएम ने कहा कि एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सरकारी व निजी जमीन का लैंड बैंक बनाया जाएगा। इसके साथ धारा 118 की स्वीकृतियों को लेकर सीएम ने कहा है कि हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। शुक्रवार को शिमला में इन्वेस्टर मीट के बाद पहली बैठक करते हुए सीएम ने कहा कि यह बड़ी चुनौती है और इस चुनौती पर मिलकर कामयाबी हासिल करनी होगी। हर अधिकारी, कर्मचारी अपने इस कर्म को धर्म की तरह निभाए ,ताकि हिमाचल का विकास सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश में निवेश के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों पर शीघ्र ही धरातल पर कार्य आरंभ करने की दिशा में वे सक्रिय रूप से कार्य करें। प्रत्येक प्रमुख व्यवसाय समूहों के साथ नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं, ताकि कंपनी को उनकी परियोजनाओं के लिए स्वीकृतियां प्रदान करने की प्रक्रिया में हो रही प्रगति पर निरंतर संपर्क रखा जा सके। इसके अतिरिक्त प्रस्तावित बड़ी परियोजनाओं के लिए भी विशेष समर्पित अधिकारी तैनात किए जाएं, जो विभिन्न स्वीकृतियों के बारे में जानकारी रख सकें। उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी भूमि को मिलाकर भूमि बैंक स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएं ताकि संभावित निवेशकों को उनकी मांग के अनुरूप शीघ्र भूमि उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो तो भूमि बैंक के समुचित समन्वय के लिए भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल खाची, राम सुभग सिंह, संजय गुप्ता और आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, जगदीश शर्मा और केके पंत, सचिव देवेश कुमार, सी.पालरासु और अमिताभ अवस्थी, निदेशक पर्यटन यूनस, निदेशक शहरी विकास ललित जैन, निदेशक आयुर्वेद डीके रतन, विशेष सचिव कृषि राकेश कंवर, विशेष सचिव उद्योग आबिद हुसैन सादिक, पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।सौजन्य से दिव्य हिमाचल।
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