जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से वैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च के शुक्र का फल…….

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से वैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च के शुक्र का फल…….

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मीन राशि में स्थित होने पर शुक्र को उच्च का शुक्र कहा जाता है जिसका साधारण

शब्दों में अर्थ यह होता है कि मीन राशि में स्थित होने पर शुक्र अन्य सभी राशियों की तुलना में सबसे बलवान हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि कुंडली में उच्च का शुक्र सदा शुभ फलदायी होता है जो सत्य नहीं है क्योंकि कुंडली में शुक्र का उच्च होना केवल उसके बल को दर्शाता है तथा उसके शुभ या अशुभ स्वभाव को नहीं जिसके चलते किसी कुंडली में उच्च का शुक्र शुभ अथवा अशुभ दोनों प्रकार के फल ही प्रदान कर सकता है जिसका निर्णय उस कुंडली में शुक्र के शुभ अशुभ स्वभाव को देखकर ही लिया जा सकता है। आज के इस लेख में हम कुंडली के विभिन्न 12 घरों में स्थित होने पर उच्च के शुक्र द्वारा प्रदान किये जाने वाले कुछ संभावित शुभ तथा अशुभ फलों के बारे में विचार करेंगे।

पहले घर में उच्च का शुक्र……..

किसी कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को आकर्षक चेहरा, सुंदर रूप तथा मनमोहक व्यक्तित्व प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक सामान्य जातकों की तुलना में अधिक सुंदर तथा आकर्षक हो सकते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च शुक्र का प्रभाव जातक को लंबी आयु भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक सामान्य से लंबी आयु तक जीवित रहते हैं। कुंडली के पहले घर में स्थित शुभ उच्च का शुक्र जातक को रचनात्मक तथा कलात्मक विशेषताएं प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के जातक रचनात्मक तथा कलात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च का शुक्र अशुभ होने की स्थिति में जातक को अनेक प्रकार के रोगों से पीड़ित कर सकता है तथा इस प्रकार के दुष्प्रभाव में आने वाले कुछ जातक तो जन्म से ही किसी न किसी रोग से पीड़ित हो सकते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातक जीवन भर शारीरिक रूप से क्षीण ही रहते हैं। कुंडली के पहले घर में स्थित अशुभ उच्च के शुक्र के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक शारीरिक सुख की तीव्र लालसा रखने वाले होते हैं तथा ऐसे जातक अपने तन की प्यास बुझाने के लिए अनेक स्त्रियों के साथ संबंध स्थापित करते हैं तथा इनमें से कुछ जातक अपनी शारीरिक भूख मिटाने के लिए नियमित रूप से वेश्याओं के पास भी जाते हैं जिसके चलते इन जातकों का बहुत सा धन ऐसे कार्यों में ही खर्च हो सकता है तथा अपने ऐसे कृत्यों के चलते इन जातकों को मान हानि तथा अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है।

दूसरे घर में उच्च का शुक्र………

किसी कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को बहुत धन तथा संपत्ति प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले अनेक जातक बहुत धनी परिवारों में जन्म लेते हैं तथा अपने बाल्यकाल से ही धन तथा सुविधाओं का भोग करते हैं। कुंडली के दूसरे घर में स्थित शुभ उच्च का शुक्र जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में भी शुभ फल प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपने व्यवसायों के माध्यम से बहुत धन कमा सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातक अपने व्यवसाय के माध्यम से धन के साथ साथ प्रतिष्ठा तथा प्रसिद्धि भी अर्जित कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने व्यवसाय के माध्यम से धन की हानि उठानी पड़ सकती है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को तो अपने जीवन में किसी समय अपने व्यवसाय से होने वाली भारी हानि के कारण अपना सारा व्यवसाय तथा संपत्ति का बहुत बड़ा भाग भी खो देना पड़ सकता है। कुंडली के दूसरे घर में स्थित अशुभ उच्च के शुक्र के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने व्यवसाय से जुड़े किसी प्रकरण के चलते मान हानि भी सहन करनी पड़ सकती है तथा कुछ मामलों में ऐसे जातकों को किसी अन्य के द्वारा की गई भूल अथवा अपराध का दण्ड भी भुगतना पड़ सकता है।

तीसरे घर में उच्च का शुक्र……..

किसी कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को व्यवसायिक सफलता प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक सामान्यतया किसी न किसी प्रकार के लेखन से संबंधित, गायन से संबंधित अथवा अन्य किसी रचनात्मक अथवा कलात्मक क्षेत्र से संबंधित व्यवसायों की ओर ही आकर्षित होते हैं तथा इनमें सफलता प्राप्त करते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च शुक्र के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक व्यवसाय के आधार पर किसी विदेशी भूमि पर ही स्थापित हो जाते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातक अपने व्यवसाय की आवश्यकता के चलते विदेशों में आवागमन करते रहते हैं तथा इस प्रकार के कुछ जातक विदेशों से संबंधित व्यवसायों अथवा अंतर राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से बहुत धन कमाते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने मित्रों तथा सहयोगियों के साथ बुरे संबंधों के चलते अथवा किसी मित्र या सहयोगी के छल के कारण भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है तथा मान हानि का सामना भी करना पड़ सकता है। इस प्रकार के अशुभ उच्च शुक्र का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन में भी समस्याएं पैदा कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों के अपनी पत्नी तथा ससुराल पक्ष के लोगों के साथ गंभीर वैचारिक मतभेद हो सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातकों का विवाह टूट भी सकता है और सामान्यतया ऐसे जातकों का तलाक लंबे कोर्ट केसों तथा बहुत परेशानियों के पश्चात ही हो पाता है।

चौथे घर में उच्च का शुक्र………

किसी कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को धन, सुख, समृद्धि तथा ऐश्वर्य प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातकों को धन कमाने के लिए अधिक परिश्रम अथवा प्रयास नहीं करना पड़ता तथा इनके पास धन और सुविधाएं सहज ही आती रहतीं हैं। ऐसे कुछ जातकों को अपनी माता की ओर से विशेष सहयोग प्राप्त होता है तथा इनकी सफलता में इनकी माता का विशेष योगदान रहता है। कुंडली के चौथे घर में स्थित शुभ उच्च शुक्र जातक को सुंदर अथवा बहुत सुंदर पत्नी प्रदान कर सकता है तथा ऐसे जातक का वैवाहिक जीवन भी सामान्यतया सुखमय ही रहता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च का शुक्र अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को बहुत कष्टप्रद तथा पीड़ादायक बना सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को विभिन्न कारणों के चलते लंबे समय के लिए अपनी पत्नी से दूर रहना पड़ सकता है। कुंडली के चौथे घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक की मानसिक शांति के लिए भी बहुत बुरे फल दे सकता है जिसके चलते ऐसे जातक किसी न किसी प्रकार की चिंता या समस्या से घिरे रहने के कारण मानसिक रूप से अशांत ही रहते हैं। कुंडली में इस प्रकार के अशुभ उच्च शुक्र का प्रभाव जातक को अनेक प्रकार के रोगों से भी पीड़ित कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को कोई मानसिक अथवा मनोवैज्ञानिक रोग भी हो सकता है जिसके उपचार के लिए इन्हें लंबे समय तक किसी मानसिक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।

पांचवें घर में उच्च का शुक्र………

किसी कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक को सुंदर तथा धार्मिक विचारों वाली पत्नी प्राप्त हो सकती है जो जातक के वैवाहिक जीवन को सुखमय बना देती है तथा जातक के साथ साथ उसके पूरे परिवार का भी ध्यान रखती है। इस प्रकार के कुछ जातक अपनी पसंद का विवाह अर्थात प्रेम विवाह भी कर सकते हैं। कुंडली के पांचवें घर में स्थित शुभ उच्च के शुक्र के प्रभाव में आने वाले जातक सामान्यतया सामाजिक व्यवहार में कुशल होते हैं जिसके चलते ऐसे जातक ऐसे व्यवसायों में अधिक सफल देखे जाते हैं जिनकी सफलता का आधार लोगों को प्रभावित करना तथा सामाजिक व्यवहार कुशलता हो। वहीं दूसरी ओर कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने प्रेम संबंधों अथवा प्रेमिका के कारण बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को अपनी प्रेमिका के साथ घर से भागकर विवाह करना पड़ सकता है तथा इसके पश्चात इन जातकों को लंबे समय तक इस विवाह की वैधता को सिद्ध करने के लिए मुकद्दमों का सामना करना पड़ सकता है तथा अपने घर तथा परिवार से बहुत लंबे समय तक दूर भी रहना पड़ सकता है। कुंडली के पांचवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक को संतान प्राप्ति से संबंधित समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है तथा विशेष रूप से स्त्री जातकों की कुंडली में इस प्रकार का दुष्प्रभाव उन्हें प्रजनन के समय बहुत सी समस्याओं से पीड़ित कर सकता है तथा इनमें से कुछ स्त्री जातकों के प्रजनन अंगों में कोई विकार अथवा रोग भी पैदा हो सकता है।

छठे घर में उच्च का शुक्र………

किसी कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को आकर्षक व्यक्तित्व तथा रूप प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसा जातक अन्य लोगों को तथा विशेष रूप से विपरीत लिंग के जातकों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर लेता है तथा इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को सामाजिक व्यवहार कुशलता जैसे गुण भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के जातक समाज में अपना विशेष स्थान बनाने में तथा अन्य व्यक्तियों के सहयोग से सफलता प्राप्त कर पाने में सक्षम होते हैं। कुंडली में इस प्रकार के शुभ उच्च शुक्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातक सिने जगत, फैशन जगत, संगीत तथा गायन आदि जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातक इन क्षेत्रों में से किसी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के साथ साथ राष्ट्रीय अथवा अंतर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति भी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के कुछ अन्य जातक चिकित्सा, होटल व्यवसाय, सौंदर्य प्रसाधनों के व्यवसाय आदि में भी सफल हो सकते हैं तथा इन व्यवसायों के माध्यम से बहुत धन कम सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं तथा कठिनाईयां आ सकती हैं जिनके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों के एक अथवा एक से अधिक विवाह टूट सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातकों को लंबे समय तक कोर्ट केस आदि के चलते न्यायालय के चक्कर लगाते रहना पड़ सकता है। कुंडली के छठे घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक को अनेक प्रकार के गभीर तथा लंबे समय तक चलने वाले रोगों से पीड़ित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक अपनी कुंडली के आधार पर विभिन्न प्रकार के रोगों के शिकार हो सकते हैं तथा इन जातकों को इन रोगों के उपचार के लिए बहुत धन तथा समय व्यय करना पड़ सकता है और कुछ स्थितियों में ऐसा कोई रोग जातक के लिए प्राण घातक भी सिद्ध हो सकता है।

कुंडली के सातवें घर में उच्च का शुक्र…….

किसी कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन से संबंधित शुभ फल दे सकता है तथा इस प्रकार के जातक का विवाह किसी धनी स्त्री से हो सकता है और ऐसे जातक की पत्नी सामान्यतया जातक के लिए शुभ और सहयोगी स्वभाव की होती है। इस प्रकार के शुभ उच्च के शुक्र के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक विदेशों में भी स्थापित हो सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातक अपने विवाह के आधार पर भी विदेशों में स्थायी रूप से स्थापित हो सकते हैं क्योंकि इस प्रकार के जातक किसी विदेशी स्त्री या पुरुष के साथ विवाह कर सकते हैं। कुंडली के सातवें घर में स्थित शुभ उच्च का शुक्र जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में भी शुभ फल प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक कलात्मक तथा रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक भौतिक एवम शारीरिक सुखों की प्रबल लालसा रखने वाले हो सकते हैं और इन सुखों को प्राप्त करने के लिए ऐसे जातक अपना बहुत सा धन तथा बहुत सा समय व्यय कर सकते हैं जिसके कारण इन जातकों को समय समय पर धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली के सातवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक को विभिन्न प्रकार के रोगों से भी पीड़ित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक किसी लंबे समय तक चलने वाले रोग से पीड़ित हो सकते हैं तथा हालांकि ऐसे रोग सामान्यतया प्राण घातक नहीं होते किन्तु फिर भी ऐसे रोग जातक को लंबे समय के लिए कष्ट अवश्य दे सकते हैं।

आठवें घर में उच्च का शुक्र………

किसी कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में रूचि तथा विकास प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक इन क्षेत्रों में से किसी क्षेत्र में विकसित होने के पश्चात उस क्षेत्र विशेष को ही अपना व्यवसायिक क्षेत्र बना सकते हैं जिसके चलते इस प्रकार के शुभ उच्च शुक्र के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक ज्योतिषी, अंक शास्त्री, हस्त रेखा विशेषज्ञ, परा विज्ञान विशेषज्ञ, वास्तु विशेषज्ञ आदि बन सकते हैं। कुंडली के आठवें घर में स्थित शुभ उच्च के शुक्र के प्रभाव के कारण जातक को अपने पिता, दादा अथवा किसी प्रकार के उत्तराधिकार के माध्यम से धन, संपत्ति अथवा किसी स्थापित व्यवसाय की प्राप्ति हो सकती है जिसके कारण ऐसे जातकों को बहुत लाभ हो सकता है। कुंडली के आठवें घर में स्थित शुभ उच्च का शुक्र जातक को बहुत आकर्षक तथा मोहक व्यक्तित्व प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसा जातक विपरीत लिंग के जातकों को आसानी से अपनी ओर आकर्षित कर लेता है तथा इस प्रकार के विशेष शुभ प्रभाव में आने वाले जातक अपने जीवन में अनेक बार धनी अथवा प्रभुत्व वाली स्त्रियों के के माध्यम से लाभ प्राप्त करते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का शुक्र अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों का विवाह बहुत देर से हो सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों के वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाईयां और कष्ट आ सकते हैं। इस प्रकार के अशुभ उच्च शुक्र का कुंडली में प्रबल प्रभाव जातक को शारीरिक सुख की प्रबल लालसा से पीड़ित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक अपने जीवन का एक बड़ा भाग शारीरिक सुखों की पूर्ति में इधर से उधर भटकते हुए ही बिता देते हैं तथा अपनी शारीरिक भूख मिटाने के फेर में ऐसे जातक अपना बहुत सा धन तथा बहुमूल्य स्वास्थ्य भी नष्ट कर सकते हैं।

नौवें घर में उच्च का शुक्र….

किसी कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को बहुत धन तथा संपत्ति प्रदान कर सकता है तथा अनेक बार यह धन संपत्ति जातक के पिता के माध्यम से जातक को प्राप्त होती है क्योंकि इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों के पिता धनी अथवा बहुत धनी होते हैं तथा इन जातकों की माताएं भी सामान्यतया इन जातकों के विकास में बहुत योगदान देतीं हैं। कुंडली के नौवें घर में स्थित शुभ उच्च के शुक्र के कारण जातक को अपने व्यवसाय में बहुत लाभ हो सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक किसी सरकारी अथवा निजी संस्था में लाभ, प्रतिष्ठा तथा प्रभुत्व का कोई पद भी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन से संबंधित शुभ फल भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक सामान्यतया सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में कठिनाईयां पैदा हो सकतीं हैं तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों का विवाह अपने से बिल्कुल विपरीत स्वभाव वाली स्त्री के साथ हो सकता है जिसके चलते इन जातकों का वैवाहिक जीवन गंभीर वैचारिक मतभेदों की छाया में ही बीतता है। कुंडली के नौवें घर में स्थित अशुभ उच्च शुक्र कुंडली में पित्र दोष का निर्माण भी कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के पित्र दोष के प्रभाव में आने वाले जातक को अपने जीवन में किसी समय पर भारी अपयश अथवा मानहानि का सामना करना पड़ सकता है।

दसवें घर में उच्च का शुक्र………

किसी कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवसायिक क्षेत्र से संबंधित शुभ फल प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक अपने व्यवसायिक क्षेत्रों में बहुत सफलता प्राप्त कर पाते हैं। कुंडली में इस प्रकार के शुभ उच्च शुक्र के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपनी उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए अथवा व्यवसाय के लिए अथवा दोनों ही कार्यों के लिए विदेश जा सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातक स्थायी रूप से विदेशों में स्थापित भी हो सकते हैं तथा वहां रहकर बहुत धन कमा सकते हैं। कुंडली के दसवें घर में स्थित शुभ उच्च का शुक्र जातक को स्वस्थ तथा योग्य संतान भी प्रदान कर सकता है तथा स्त्रियों की जन्म कुंडली में इस प्रकार का प्रभाव उनकी प्रजनन करने की क्षमता को बहुत बढ़ा सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में समस्याएं आ सकती हैं जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने आप को व्यवसायिक रूप से स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों को अपने व्यवसाय के माध्यम से धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली के दसवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक के वैवाहिक जीवन को भी विपरीत रूप से प्रभावि कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों तथा मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों का विवाह टूट भी सकता है।

ग्यारहवें घर में उच्च का शुक्र……….

किसी कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को धन, समृद्धि तथा वैभव प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के जातक सामान्यतया व्यापार के माध्यम से बहुत धन अर्जित करते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च के शुक्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक सामान्यतया बहुत आकर्षक तथा मोहक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं तथा ऐसे जातक अपने व्यक्तित्व के इस आकर्षण का उपयोग अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए प्रयोग करने की कला के जानकार होते हैं। कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च के शुक्र के विशेष शुभ प्रभाव में आने वाले जातक अपने जीवन में विपरीत लिंग के जातकों के माध्यम से बहुत लाभ प्राप्त करते हैं जैसे कि इस प्रकार के कुछ जातकों का विवाह धनी स्त्रियों का साथ हो सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातक धनी तथा प्रभुत्व वाली स्त्रियों के साथ प्रेम संबंध स्थापित करके बहुत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च का शुक्र अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को बहुत कष्टप्रद वैवाहिक जीवन का अनुभव करना पड़ सकता है तथा ऐसे जातकों के एक अथवा एक से अधिक विवाह बहुत बुरी स्थितियों में और बहुत नाटक, झगड़े, कोर्ट केस आदि का सामना करने के बाद टूट सकते हैं। इस प्रकार के कुछ जातकों को तलाक प्राप्त करने की प्रक्रिया में किसी न्यायालय के निर्णय के चलते अपनी संपत्ति का एक बड़ा भाग अपनी पत्नी को देना पड़ सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को अपनी पत्नी द्वारा पुलिस में की गई हिंसा अथवा उत्पीड़न आदि की शिकायत के चलते कुछ समय कारावास में भी व्यतीत करना पड़ सकता है। कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक के व्यवसाय पर भी दुष्प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते जातक को अपने व्यवसाय के माध्यम से धन हानि अथवा किसी प्रकार के पुलिस केस अथवा कोर्ट केस में फंस जाने के कारण होने वाली मानहानि का सामना भी करना पड़ सकता है।

बारहवें घर में उच्च का शुक्र……..

किसी कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च का शुक्र शुभ होने की स्थिति में जातक को किसी विदेशी भूमि पर ले जा सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक विदेशों में जाकर स्थायी रूप से स्थापित हो जाते हैं तथा वहां रहकर बहुत धन कमाते हैं। कुंडली में इस प्रकार के शुभ शुक्र का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन को भी सुखमय बना सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक विदेश में रहने वाली किसी स्त्री से विवाह करके विवाह के आधार पर स्थायी रूप से विदेश में ही स्थापित हो जाते हैं तथा वहां पर सफलता प्राप्त करते हैं। कुंडली के बारहवें घर मे स्थित शुभ उच्च का शुक्र जातक को आध्यात्मिक रुचि तथा आध्यात्मिक क्षेत्रों में विकास भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक आध्यात्मिक रूप से बहुत विकसित हो जाते हैं तथा इनमें से कुछ जातक किसी प्रकार के आध्यात्मिक अथवा परा वैज्ञानिक क्षेत्र को अपना व्यवसायिक क्षेत्र भी बना सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च के शुक्र के अशुभ होने की स्थिति में जातक ऐसा शुक्र जातक के वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए इस प्रकार के किसी जातक का विवाह किसी ऐसी स्त्री के साथ हो सकता है जो शारीरिक रूप से जातक की तुलना में कम अथवा बहुत कम समर्थ हो जिसके चलते ऐसे जातक को अपनी पत्नी से उचित मात्रा में शारीरिक सुख प्राप्त नहीं हो पाता जबकि इस प्रकार के किसी अन्य जातक का विवाह किसी ऐसी स्त्री से हो सकता है जो जातक के प्रति निष्ठावान न हो तथा को किसी अन्य व्यक्ति के प्रेम में पड़कर जातक को धोखा दे दे। कुंडली के बारहवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शुक्र जातक को आर्थिक समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है तथा इस प्रकार के बहुत से जातकों को आवश्यकता से अधिक धन व्यय करने की आदत लग जाती है जिसके कारण इन्हें समय समय पर धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है तथा जीवन में कभी कभार गंभीर आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ सकता है।

इस प्रकार कुंडली के प्रत्येक घर में स्थित उच्च का शुक्र कुंडली में शुभ होने की स्थिति में जातक को शुभ फल तथा अशुभ होने की स्थिति में जातक को अशुभ फल प्रदान कर सकता है। इसलिए किसी कुंडली के किसी घर में केवल उच्च के शुक्र के स्थित होने से ही यह निर्णय नहीं ले लेना चाहिए कि ऐसा उच्च का शुक्र जातक को सदा शुभ फल ही देगा।

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