सोनभद।होशियारी ही बचाव है, प्राकृतिक आपदाओें से निपटना काफी कठिन और या ये समझे कि नामुमकिन काम है। इंसान अपनी सतर्क दूर दृष्टि, सत्बुद्धि व संभावित दैवीय आपदाओं से काफी हद तक सर्तकता अपनाकर खुद को बचाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को भी विषम परिस्थितियों में बचा सकता है, लिहाजा आपदा से बचाव प्रबन्धन की जानकारी को बेहतर तरीके से हासिल करें। उक्त निर्देश अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह ने आपदा नियंत्रण की तैयारियों सम्बन्धी बैठक में दिये। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि ईश्वर न करें कि आपदा की स्थिति हों, फिर भी आपदा से निपटने के लिए बचाव ही सबसे कारगर रास्ता है। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि दैवी आपदाओं से बचने के लिए दैवी आपदाओं के आने के पहले व दैवी आपदा आने के बाद तथा दैवीय आपदा के क्रियाषील रहने की सूरत में सावधानियों की जानकारी बेहतर तरीके से प्राप्त करने के साथ ही समाज के भलाई के लिए ज्यादा से ज्यादा बचाव सम्बन्धी प्रचार-प्रसार भी करें। भूकम्प आने के पहले बचाव, भूकम्प के दौरान के बचाव, भूकम्प के बाद की सावधानियों से जुड़ी जानकारियों को बेहतर तरीके से जानें। इसी प्रकार से आग की दुर्घटनाओं की सूरत में ऊंचे मकानों में लगी आग, सामान्य मकानों में लगी आग, रसोई घर में लगी आग व खेत-खलिहान में लगी आग की सूरत में बचाव की सावधानियों को जानेंं। इसी प्रकार से बाढ़ की सूरत में सुरक्षा सुझाव, बाढ़ के आने की चेतावनी, बाढ़ आने के दौरान बचाव, बाढ़ वापस होने के बाद संभावित संचारी रोगों से बचाव को बेहतर तरीके से जानें। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि आपदाओं से बचाव के लिए जैसे आगजनी, भूकम्प, बाढ़ आदि के सम्बन्ध में ड्रीलमार्क/दिखावटी बचाव के तरीके को प्रदर्षित किया जाय, ताकि ज्यादा से ज्यादा नागरिक बचाव के प्रति जागरूक होकर विषम परिस्थितियों में बचाव कर सकें। उन्होंने कहा कि गोताखोरों की सूची पूरे पते के साथ तैयार रखीं जाय, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी भी मदद ली जा सके। बैठक में अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह, उप जिलाधिकारी सदर, यमुनाधर चौहान, उप जिलाधिकारी दुद्धी सुशील यादव, उप जिलाधिकारी घोरावल प्रकाश चन्द्र, सीएमओ डॉ0 बी0के0 अग्रवाल, एआरटीओ पी0एस0 राय, आपदा विशेषज्ञ संजीव सिंह, आत्रेय सहित अन्य सम्बन्घितगण मौजूद रहें।