डाक्टर विहिन जिला कारागार फार्मासिस्ट के सहारे बन्दी स्टाप।

सप्ताह दो दिन जिला चिकित्सालय से आते हैं डाक्टर।
गुरमा सोनभद्र जिला कारागार खुले लगभग दो वर्ष बीतने के हुए लेकिन आज तक स्थायी डाक्टर की नियुक्तियां नहीं हुई एक फार्मासिस्ट के सहारे 800के लगभग बंदियों और जेल स्टाप का स्वास्थ देख भाल किया जा रहा है।बिषम परिस्थिति में मरीजों को जिला चिकित्सालय ले जाना होता है मुश्किल स्थायी डाक्टर के साथ ऐम्बुलेन्स की भी नहीं है व्यवस्था। इस सम्बन्ध में जिला कारागार के अधीक्षक ने विभागीय लोगों को अवगत कराने के साथ जिलाधिकारी को भी अवगत कराने के पश्चात भी आज तक कोई पहल नहीं की गई। उक्त सम्बन्ध में जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित है।

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