यहां दवाई से ज्यादा ओझाई पर किया जा रहा है भरोसा

दो दर्जन महिलाओ को भूत उतारने के नाम पर लोहे की झालर से की जा रही है पिटाई

बभनी थाना के कोंगा गांव में चार दिन से चल रहा है ओझाई का ढोंग

पंकज सिंह की विशेष रिपोर्ट@sncurjanchal

विज्ञान के इस युग मे मनुष्य मानव जीवन के रहस्यों को सुलझा रहा है।चिकत्सीय क्षेत्र में नए नए अविष्कार और खोज हो रहे है।लेकिन बभनी थाना के आदिवासी बाहुल्य कोंगा गांव में दर्जनो परिवारों को विमारी को लेकर न चिकित्सक पर भरोसा है न ही दवाई पर उन्हें आज भी भूत प्रेत जादू टोना पर यकीन है और परिवार के लोग दो दर्जन महिलाओ को यह कह कर ओझा से भूत उतारने का उपक्रम करा रहे है कि महिलाएं डायन है इनके सर से भूत उतारने से परिवार और समाज मे अमन चैन आएगा। भूत उतारने के उपक्रम में ओझा महिलाओ को गिरगिट और बिल्ली का कच्चा मांस भी खिलाकर शपथ दिलाता है कि भूत भाग गया ।सोनिया शिव कुमारी इंद्रावती ममता दौलतिया सुनीता बताया कि भूत ओझा ही ठीक कर सकता है ,हमारे पूर्वज के खानदानी देव परेशान करते है हम लोग मर्जी से ओझा बुलाये है। सुनीता के पति राज कुमार की माने तो ओझा ने प्रत्येक परिवार से पांच हज़ार रुपये बकरा और मुर्गा दारू लेकर भूत उतारने का उप क्रम कर रहा है।जिसमे ग्राम प्रधान की सहमति ली गयी है। अंध विश्वास के खिलाफ आवाज उठाने और आदिवासी महिलाओं के बीच काम करने वाली रीना का कहना है कि यह पूरी तरह महिला उत्पीड़न से जुड़ा मामला होता है जिस परिवार में जब कोई बीमारी होती तो घर वाले पहले किसी ओझा के पास जाते है।ओझा बताता है कि तुमारे पड़ोस ,की फला महिला डायन है।ओझा के कह देने से उस महिला को डायन मान लिया लिया जाता है।इसके बाद ओझा डायन के सर से भूत उतारने के नाम पर ठगी शुरू करता है। वही ग्राम प्रधान कोंगा कृष्णा नंद का कहना है कि जो लोग 20 साल से भूत प्रेत ,घर के देव बिगड़ने से परेशान है वे मुझसे सहमति ले सभी अपने मन से ओझा से उपक्रम करा रहे है इसमें कोई बुराई नही है। इस मामले में सी.ओ दुद्धी संजय वर्मा ने सेल फोन पर बताया कि अंधविश्वास को बढ़ावा देना समाज के लिए खतरा है अगर परम्परा से हट कर ओझा महिलाओ को प्रताडित कर रहा होगा तो कड़ी कार्यवाही होगी मैं बभनी निरीक्षक से बात करता हूँ।

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