पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा व हिंदू राष्ट्र महासभा द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया ग्रामीण जन जागरूकता अभियान

सोनभद्र। पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा व हिंदू राष्ट्र महासभा द्वारा संयुक्त रूप से ग्रामीण जन जागरूकता अभियान के तहत रावर्टसगंज विकासखंड के ग्राम – गोरडीहां में पंडित कपिलमुनी मिश्रा के नेतृत्व में ग्रामीणों में अलग पूर्वांचल राज्य बनाने हेतु एवं सरकारी योजनाओं के बारे में वृहद जानकारी दी गई !

इस अवसर पर मोर्चा के संगठन प्रमुख पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि विकास की दृष्टि से देखे तो देश को नौ प्रधानमंत्री देने वाले इस राज्य का विकास राष्टीय औसत से बहुत पीछे है. यह हाल आजादी के सातवें दशक में है. आजादी के समय राष्टीय आय में उप्र का योगदान कुल आय का पांचवा भाग था जो घटते घटते उसका आधा हो गया. उप्र के प्रति व्यक्ति आय और राष्टीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय 9639 रू प्रति माह है जो राष्टीय आय से भी ज्यादे है. भारतवर्ष में आज भी पूर्वांचल के करीब 10 जिले सबसे पिछड़े हुए हैं इसलिए पूर्वांचल राज्य बनाकर इनका विकास और खुशहाली वापस लाया जाए ! उप राज्य संयोजक कृष्ण कुमार मिश्रा ने कहा किअनेक आर्थिक मानदंडो पर राष्टीय औसत से यह राज्य बहुत पीछे है. प्रदेश में 29 प्रतिशत आवादी गरीबी रेखा से नीचे है. बुनियादी सुविधाएं भी उतनी नहीं है जितनी अन्य राज्यों में है. केवल बिजली की ही बात करें तो अन्य प्रदेश जहां शत प्रतिशत विद्वुतीकरण की ओर अग्रसर है वहीं इस प्रदेश में अभी भी 20 प्रतिशत गांव बिजली को तरस रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में भी उप्र राष्टीय औसत से 4ः32 प्रतिशत पीछे हैं. हम अगर पूर्वांचल की आवादी की बात करें तोअसम,गुजरात,हरियाणा,जम्मू-कश्मीर,कर्नाटक केरल सहित कई प्रदेश ऐसे हैं जिनकी आवादी पूर्वांचल से कम है. इस अविकसित क्षेत्र की आबादी करीब सवा नौ करोण है और यहां प्रति वर्ग किमी 7.55 व्यक्ति का भार है. औद्वोगिकरण के अभाव में इस क्षेत्र का 75 प्रतिशत आबादी खेतिहर मजदूर के रूप में जीवनयापन करने को मजबूर है. प्रदेश सचिव संजीव कुमार उर्फ काकू सिंह ने कहा कि सिचाई सुविधा का बुरा हाल होने के नाते लोगों को अपनी खेती के लिए बादलों की ओर निहारने को विवश रहना पड़ता है. यहां की कुल क्षेत्रफल की 55.65 प्रतिशत भूमि ही सिंचित क्षेत्रफल के दायरे में आती है. पूर्वांचल की भूमि का एक बड़ा भाग उसर होने के कारण भी कृषि उत्पादन पर असर पड़ता है. पूर्वांचल की 41 चीनी मिलों में से करीब करीब सभी बंद हैं या बंदी के कगार पर है इसलिए बेरोजगारी भी बढ़ी है. इसलिए अभिलंब पूर्वांचल राज्य बनाया जाए ! कार्यक्रम का संचालन शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू चौबे ने किया इस अवसर पर विनय कुमार मिश्रा,संतोष चतुर्वेदी, रत्ना शर्मा ,विभा शर्मा, आभा शर्मा, कुसुम देवी,अतुल कुमार कनौजिया एडवोकेट ,विनय कुमार मिश्रा , आत्मानंद मिश्र धनंजय कुमार , ,ललित कुमार शर्मा ,राम जग ,बिहार ,देवबंद शर्मा, जगजीवन ,रामकृष्ण ,राजाराम शर्मा ,जगधारी लोला, लाल जी आदि सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया ! प्रेषक – संजीव कुमार उर्फ काकू सिंह उप राज्य संयोजक हिंदू राष्ट्र महासभा

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