सोनभद्र।आज देश भले ही २१ वी शदी की बात करता हो लेकिन आस्था के नाम पर अभी भी हजारो -लाखो लोग पुरानी मान्यताओ से बाहर नही निकल पाए है | किसी भी पर्व में अलग – अलग जगहों पर अपनी मान्यताये होती है और इन्ही मान्यताओ में कुछ जगहों में पर्व के नाम पर अंधविश्वास ज्यादा देखा जा सकता है |ऐसा ही कुछ जनपद सोनभद्र में गोबर्धन पूजा के दिन देखा जा सकता है | दरसल गोवर्धन पूजा के दिन सोनभद्र में ना सिर्फ बीर लोरिक पत्थर की पूजा होती है बल्कि पुराने परम्पराओ के अनुसार यहा होता है गर्म दूध से स्नान।मान्यता के अनुसार पुजारी व् जजमान द्वारा खौलते दूध से स्नान करने पर ही होता है लोगो का कल्याण।और इसी कल्याण में इस बार सोनभद्र के पूर्व विधायक,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष,पूर्व सांसद व जनपद के गणमान्य नागरिक भी हजारो की संख्या में उपस्थित थे । इस अवसर पर गर्म दूध को नेताओ ने अपने हाथो में लिया ,हालांकि हाथ जलने लगा। गौर से देखिये इस पुजारी को , इसे हम आस्था कहे या अंधविश्वास , दरअसल गोवर्धन पूजा के दिन सभी यदुवंसी इसी लोरिक पत्थर के नीचे इक्कट्ठे होते है और फिर पुजारी द्वारा आग प्रज्वलित कर दूध को खौलाया जाता है । मंत्रोचार के साथ इस दूध को तब तक खौलाया जाता है जब तक कि मन्त्र समाप्त न हो जाय और उसके बाद इस खौलते दूध से ना सिर्फ पुजारी बल्कि पूजा पर बैठे जजमान को भी स्नान कराया जाता है |पुजारी का दावा है कि इस दूध से नहाने पर सिर्फ वही जलते है जो छली – कपटी होते है | पुजारी अपने दावे को सावित करने के लिए देखिये ना सिर्फ खौलते ढूध में अपने सिर को डाल देता है बल्कि जजमान के आँखों में भी गर्म दूध डाल देता है |इतना ही नहीं पुजारी अपने दावे को पुख्ता करने के लिए शक्ति का ऐसा प्रदर्शन करता है जिसे देख कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे । पुजारी पास में हो रहे हवन कुंड में अपने सिर व शारीर को आग के हवाले कर देता है । वही जजमान नेता यादव ने बताया कि गर्म दूध की खीर हाथ में रखने के बाद जल रहा था जिसको बाबाजी ने ठंडा किया मेरा मानना है कि हम लोग सही ढंग से व्रत के साथ नहीं आए हैं कुछ कमियां हैं जिसकी वजह से हाथ जल गया।इस समबन्ध में पूजरी का कहना है कि देखने में दूध गर्म दिखता है लेकिन शरीर पर डालते ही ठंडा हो जाता है । उसका कहना है कि पूजा में बहुत शक्ति है । अंत में पुजारी पूरे साल की भविष्यवाणी भी करता है।