लगातार छ: दिनों से छत्तीसगढ़ से सटे सीमा के कुछ गांवों में हाथियों का चल रहा आतंक

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)

कहीं फसलें रौंदीं तो कहीं गरीबों का आशियाना उजाडा

बभनी। विकास खंड के छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में हाथियों का झूंड छ: दिनों से तांडव कर रहा है। जिसे लेकर जिससे ग्रामीणों के चेहरे पर घोर चिंता की लकीरें छाई हुई हैं जहां एक ओर उनके खेतों में फसलों को रौंदते हुए सभी फसलों को नष्ट कर रही हैं वहीं दूसरी ओर उनके कच्चे मकानों व झूग्गी

झोंपड़ियों में रहने वाले लोगों का आशियाना भी उजाड़ दिया वन विभाग व प्रशासन विभाग पूरी सक्रियता से उनके उत्पात को रोकने के लिए टीम लगी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि रात-दिन हांथी भगाते-भगाते हमारी नींद हराम हो चुकी है।आपको बताते चलें कि इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पैदा होने वाले धान अरहर आदि फसलो को काफी नुकसान पहुचा रहे है। जैसे अन्न को खाते चल रही हैं बीते रविवार की शाम को मान सिंह कामेश्वर अनुराग सुखनारायण हुबलाल रामेश्वर रामलखन जगसाय

लालशाय अहिबरन राम सुभग के खेतों में अरहर धान सरसों की फसलों को काफी नुकसान भी पहुंचाया है।इसके पश्चात हाथियों का झुंड मगरमाड़ पहुंचा और नाबालिक सिंह लालशाय विमला देवी के घर में रखे अनाजों को रौंद डाला।
जहां हाथियों के उत्पात व उनके चिंघाड़ सुन शाम होते ही सभी ग्रामीण अपना घर छोड़कर उनके भय से कहीं अन्यत्र शरण लेते है। और वहीं रात गुजारने को विवश हो जाते हैं भंवर प्रधान प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार के द्वारा पहाड़ों के नीचे बसे मासूमों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया हाथियों के आतंक से रात गुजारना भारी पड़ रहा है।जो दिनों में जंगलों में दिन बिताते हैं और रातों में गांवों में घुसकर आतंक मचाते हैं।

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