बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)
सिंगरौली डूब क्षेत्र से आए लोगों के द्वारा कराया जाता है आयोजन।
48 वर्षों से चलती आ रही है परंपरा। लगभग 20 हजार की संख्या में उमड़ती है भींड़।
बभनी।थाना क्षेत्र के समीप ग्रामसभा बकरीहवा के धरतीडाड़ के मोटकी मुकुट पहाड़ी पर सिद्ध हनुमान जी के मंदिर पर क्षेत्रीय दर्शनार्थियों की रविवार को दर्शन पूजन के लिए दिन भर भारी भीड़ उमड़ी रही। जहां बीजपुर व बभनी थाने की पुलिस अपनी चाक चौबंद की व्यवस्था रखी पुलिस,पी ए सी एवं मंदिर समिति की ओर से सुरक्षा ब्यवस्था कड़ी चौकसी रही ।सिद्ध स्थल मोटकी मुकुट पहाड़ी के हनुमान जी की अद्भुत कृपा आशीर्वाद से श्रद्धालुओं के मन्नत की हर मुराद पूरा होती है। श्रद्धालु धरतीडाड़ टोला से लगभग 5 किलोमीटर अंदर जंगल में स्थित यहाँ पैदल, वाहन से हनुमान जी के मंदिर पहुँच कर श्रद्धा भाव के साथ दर्शन पूजन किए।इस घनघोर जंगल में मोटकी मुकुट पहाड़ी पर सीढ़ियों से चढ़कर कठिन परिश्रम के पश्चात श्रद्धालु भक्त दीपावली के जन्मोत्सव पर बड़े ही श्रद्धा भाव से दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिए।बताते है कि जो भी भक्त सच्चे मन से अपने मन की मुराद हनुमान जी के दरबार रखता हैं निश्चित ही उनके मन की मुराद हनुमान जी पूरी करते है।रविवार को इस मेले में ग्रामीण अंचलों के अलावा समीपी बॉर्डर स्थित छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के भी श्रद्धालु भक्त हजारों हजार की तादाद में दर्शन पूजन की ।सुरक्षा व्यवस्था की कमान प्रभारी निरीक्षक यस बी यादव पुलिस ,पी ए सी बल के साथ मुस्तैद रहे ,वही मेला समिति भी कमान संभाले रखा।खोया पाया केंद्र से ध्वनि विस्तारक यंत्र के द्वारा सूचनाएं प्रसारित कर मेले को नियंत्रित किया गया ।
दर्शनार्थियों की जबरदस्त भीड़ हनुमान जी के मोटकी मुकुट पहाड़ी पर दर्शन के लिए उमड़ रही है। हनुमान जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति दीपावली पर इस वर्ष भी मेले में ऐतिहासिक भीड़ रही।सिद्ध हनुमान जी का यह मेला कई दशकों से लगता आ रहा है।मंदिर के पुजारी बताते हैं की जो भी श्रद्धालु भक्त श्रद्धा भाव ,भक्ति से सिद्ध हनुमान जी के दरबार में मत्था टेका कर अपने मन की मुराद मांगता है निश्चित ही उनकी मुराद पूरी करते है इसलिए प्रतिवर्ष मेले में श्रद्धालुओं की लगातार अपार भीड़ बढ़ती जा रही है। सैकड़ों की तादात में दुकानें खाने-पीने एवं फल प्रसाद ,खिलौने की दुकाने सजी रही इस मेले की सबसे प्रसिद्ध गुड़हिया जलेबी होती है जो श्रद्धालु भक्त दर्शन पूजन के उपरांत मेले में खाते पीते हैं साथ ही अपने घरों के लिए ले जाते हैं। 48 वर्षों से लगातार मेले का आयोजन किया जाता है। और सभी
अधिकारियों व नेताओं का आना-जाना लगा रहता है लेकिन मंदिर के विकास के लिए कोई विशेष सुविधा प्राप्त नहीं होती यहां के स्थानीय लोगों व कमेटी की ओर से मंदिर का विकास व मरम्मत कराया जाता है। ग्रामीण अंचल का यह लगा मेला इस इलाके के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।क्षेत्रीय श्रद्धालु भक्त हनुमान जी के चरणों में श्रद्धा पूर्वक शीश नवाकर दर्शन पूजन बड़े ही भक्ति ,भाव से जरूर करते हैं ।मेले के दौरान अखंड कीर्तन भजन एवम भक्तो के जयकारों से समूचा इलाका भक्तिमय हो गया।