सुखी जीवन के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का विशेष महत्व
अजय कुमार बर्मा
अयोध्या 25 अक्टूबर। प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आरोग्य जीवन के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। देवताओं के वैद्य धनवन्तरि को आयुर्वेद का प्रणेता माना जाता है। उन्होंने नीमा द्वारा पूर्व में किये गये आन्दोलन के समय जो मुकदमें दर्ज हैं, उनकी वापसी के लिए आवश्यक कार्यवाही किये जाने का भरोसा दिलाया।
श्री पाठक आज गोमती नगर स्थित दयाल पैराडाइज़ में नेशनल इन्टग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ (नीमा) द्वारा आयोजित भगवान धनवन्तरि जयन्ती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारतीय प्राचीन वेदों का अभिन्न अंग है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में समग्र रोगों के हल की विशेषताएं विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के समग्र विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढावा देने हेतु आयुर्वेद चिकित्सालयों की स्थापना की गयी है।
विधायी एवं न्याय मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद में सही दवाइयों के उपयोग करने से सभी प्रकार की रोगों का इलाज आसानी से हो जाता है तथा हम अंग्रेजी दवाइयों का उपयोग कम से कम कर सकते हैं। इस पद्धति की औषधियांे के प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित और जटिल रोगों के निदान के लिए उपयोगी है। उन्होंने धनवन्तरि दिवस एवं कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी चिकित्सकों को शुभकामनाएं दी ।
इस अवसर पर डाॅ0 मनोज मिश्रा, डाॅ0 सै0 मुइद अहमद, डाॅ0 अन्शुमान राय सहित बड़ी संख्या में आयुर्वेद चिकित्सक तथा यूनानी चिकित्सक उपस्थित थे।-अजय द्विवेदी