जानिये आचार्य वीर विक्रम नारायण पांडेय से व्यवसाय में लाभ प्राप्ति के उपाय राशि अनुसार?

जीवन मन्त्र।जानिये आचार्य वीर विक्रम नारायण पांडेय से व्यवसाय में लाभ प्राप्ति के उपाय राशि अनुसार?

इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे सफल सूत्र बताएंगे जिनको आप अपने जीवन में अपनाकर अपने व्यवसाय में पूर्णतया सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर हम निम्नलिखित उपायों को जातक की राशि के अनुसार बता रहे हैं। जिससे किसी भी प्रकार का कोई अवरोध अथवा समस्या उत्पन्न ना हो प्रत्येक राशि के जातक अपनी राशि के आधार पर निम्न उपायों को करके अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

मेष राशि👉 मेष राशि के स्वामी श्री मंगल देव है इसलिए मेष राशि वाले जातक यदि अपने व्यवसाय में निम्न उपाय करेंगे तो अवश्य ही उनको अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी ऐसा हमारा विश्वास है। आप अपने कार्यालय में प्रयास करें कि पीने का जल किसी मिट्टी अथवा तांबे के पात्र में रखें यदि आप कर्मचारी वर्ग का जल इन पात्रों में नहीं रख सकते हैं तो कम से कम अपने प्रयोग करने का जल इन पात्रों में से किसी भी पात्र में अवश्य रखें। आप जब भी अपने व्यवसाय स्थल पर आए तो अपने निवास से गुण और जल का सेवन करके ही निकले। वर्ष में एक बार व्यवसाय स्थल में श्री सुंदरकांड का पाठ अवश्य कराएं। अपने महत्वपूर्ण निर्णय सोमवार, मंगलवार, गुरुवार को ही करें। व्यवसाय स्थल पर लाल रंग के शेड के रंगों का प्रयोग करें। व्यवसाय स्थल के पूजा घर में श्री हनुमान जी की तस्वीर को स्थान अवश्य दें।

वृषभ राशि👉 निम्न उपायों से यदि कुछ उपाय भी वृषभ राशि वाले अपने जीवन में अपनाते हैं तो अवश्य ही उनको व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी। वृषभ राशि के जातक अपने व्यवसाय स्थल की सजावट में चमकीले रंगों के साथ हल्के रंगों का प्रयोग भी करें। जातक को नित्य ही अथवा कम से कम शुक्रवार को तीव्र सुगंध के सफेद पुष्पों से अपने आराध्य देव की पूजा करनी चाहिए। पूजा स्थल में मां लक्ष्मी के साथ अभिमंत्रित स्फटिक के श्री यंत्र को भी स्थान देना चाहिए। यदि संभव हो तो अपने कार्यालय में पूर्व अथवा उत्तर दिशा में मछली घर रखें। जिस स्थान पर कर्मचारी बैठते हो उसकी उत्तर दिशा में एक शीशा लगाना चाहिए और इस राशि वालों को अपनी अलमारी में कोई इत्र आदि अवश्य रखना चाहिए तथा स्वयं भी उस इत्र का प्रयोग करना चाहिए। जिस स्थान पर आपका कोई विशेष कर्मचारी बैठे तो उसकी मेज पर नैऋत्य दिशा में एक स्फटिक का ग्लोब रखें इसके साथ माह में कम से कम पाँच बार श्री सूक्त अथवा श्री लक्ष्मी स्तोत्र या ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ अवश्य करवाना चाहिए। माह में एक बार 9 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को अपने निवास पर साबूदाने की खीर खिलानी चाहिए। व्यवसाय स्थल अथवा निवास के निकट जो भी मंदिर हो उसमें अगरबत्ती का दान करते रहना चाहिए।

मिथुन राशि👉 मिथुन राशि के स्वामी सौरमंडल के युवराज बुद्ध होते हैं। यह राशि व्यवसाय से प्रत्यक्ष संबंध भी रखती है। मिथुन राशि वालों को यथासंभव निम्न उपाय करने चाहिए जिससे वह अपने व्यवसाय में आशानुकूल सफलता प्राप्त कर सकें। व्यवसाय स्थल में कभी भी चौड़े पत्ते वाले पौधे नहीं रखने चाहिए। जब भी किन्नर मिले उनको कुछ नगद धन अवश्य देना चाहिए। जब भी कोई व्यवसाय से संबंधित गंभीर निर्णय लेना हो अथवा कोई टेंडर भरना हो तो प्रयास करें कि निर्णय से पहले किसी एक किन्नर को हरे वस्त्रों का दान अवश्य करें अथवा गाय को हरी सब्जी अथवा घास खिलाएं। जातक को अपने कार्यालय में हरे-भरे पौधे एवं पुष्प अवश्य रखनी चाहिए चाहे वह नकली ही क्यों ना हो। अपने कार्यालय के सामने की दीवार पर एक बड़ी घड़ी लगानी चाहिए यह ध्यान रखें कि वह बंद ना हो अगर किसी कारण से घड़ी बंद हो जाए तो उसे तुरंत चालू कर दें अगर घड़ी बार-बार बंद होती हो तो उसे बदलकर नयी लगाएं। व्यवसाय स्थल के पूजा घर में श्री गणेश जी एवं मां दुर्गा की तस्वीर लगानी चाहिए श्री गणेश अथर्वशीर्ष एवं श्री दुर्गा चालीसा के साथ श्री सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ संभव हो तो नित्य ही करना चाहिए। भोग में मोदक एवं ऋतु फल अर्पित करना चाहिए।

कर्क राशि👉 कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव है। जिन जातकों की कर्क राशि होती है उनको अपने व्यवसाय में विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि ऐसे जातक अत्यंत कोमल हृदय के स्वामी होते हैं। इस कोमल स्वभाव के कारण उनको अपने व्यवसाय में कई बार हानि उठानी पड़ती है। इसलिए ऐसे जातकों को अपने संबंधों का विशेष ध्यान रखना चाहिए परंतु व्यवसाय में अपने लाभ के लिए संबंधों को अलग करना पड़ता है। यदि आप अपने व्यवसाय की अपेक्षा अपने संबंधों को वरीयता देंगे तो हानि अवश्य ही उठानी होगी। उस हानि का प्रत्यक्ष प्रभाव आपके परिवार पर भी आएगा। कर्क राशि वाले जातकों को अपने व्यवसाय स्थल के ईशान कोण में पूजा स्थल रखना चाहिए। पूजा घर में भगवान शंकर की परिवार सहित तस्वीर रखनी चाहिए। यदि आप किसी कारण से ईशान कोण में पूजा घर बनाने में असमर्थ है तो फिर आप ईशान कोण में एक मिट्टी की मटकी से जल भरकर रखें तथा उस जल में एक मोती एवं एक चांदी का सिक्का रखें। माह में कम से कम एक बार अपने व्यवसाय के नाम से विधि-विधान से भगवान शंकर का अभिषेक करवाना चाहिए। व्यवसाय स्थल में हल्के चमकीले रंगों का प्रयोग करना चाहिए।

सिंह राशि👉 सिंह राशि के जातक कुछ तेज स्वभाव के होते हैं और अपने लाभ के लिए संबंधों को अलग कर देते हैं। सिंह राशि वाले जातकों को नित्य ही सूर्य देव को रोली मिश्रित जल का अर्घ्य देना चाहिए क्योंकि सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव ही होते हैं। सिंह राशि वाले जातकों को अपने कार्यालय में सदैव स्वस्थ एवं सुगंधित वातावरण बनाए रखना चाहिए। स्वयं की बैठक कुछ इस प्रकार से रखनी चाहिए कि वह स्वयं तो बाहर से आने वाले को देख सकें परंतु बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति उनको नहीं देख सके। जातक को अपने कार्यालय में अधिकांश स्टील फर्नीचर का उपयोग करना चाहिए। रविवार को गाय को गुड, गेहूं एवं केले खिलाने चाहिए। मुख्य द्वार पर ऐसी तस्वीर लगानी चाहिए जिससे एक महिला अपने दोनों हाथ जोड़कर आगंतुकों का स्वागत कर रही हो। सोमवार, मंगलवार, गुरुवार को कोई गंभीर निर्णय लें तो आपके व्यवसाय के हित में रहेगा। व्यवसाय के पूजा घर में श्री हरि विष्णु एवं लक्ष्मी को स्थान अवश्य दें। अपने कार्यालय में प्रवेश के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करें तो अधिक लाभ होगा। 3 अथवा 6 माह में एक बार व्यवसाय स्थल पर श्री हरिवंश पुराण का पाठ अवश्य करवाना चाहिए।

कन्या राशि👉 कन्या राशि के स्वामी भी सौरमंडल के युवराज बुद्ध होते हैं। कन्या राशि वाले जातकों को अपने व्यवसाय स्थल पर हल्के हरे एवं हल्के आसमानी रंगों का उपयोग करना चाहिए। कार्यालय का फर्नीचर लकड़ी का होना चाहिए। पूर्वी दीवार पर घड़ी लगानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घड़ी कभी बंद ना हो बंद घड़ी के कारण नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो व्यवसाय में समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। कार्यालय का कोई भी बिजली का अथवा कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब नहीं रहना चाहिए खराब हो जाए तो तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए। कार्यालय के पूजा घर में श्री गणेश, मां दुर्गा एवं माता लक्ष्मी की तस्वीर को स्थान दें। वर्ष में 2 बार व्यवसाय स्थल पर मां दुर्गा की कोई पूजा करवानी चाहिए। निवास से कार्यालय आते समय गाय को हरी घास अथवा कोई हरी सब्जी खिलानी चाहिए। अपने बैठने की कुर्सी पर यह ध्यान रखें कि उसमें पहिए ना हो तो अच्छा है और यदि हो तो विषम संख्या में जैसे 5 अथवा 7 की संख्या में होने चाहिए। मोबाइल अथवा टेलीफोन को अपने बैठने की मेज पर दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए।

क्रमशः…. तुला से मीन राशि के जातकों के उपाय अगले लेख में पोस्ट करेंगे।

विशेष👉 किसी भी प्रकार के उपाय करने से पहले करने वाले को आध्यात्म के प्रति पूर्ण निष्ठावान होना चाहिए आध्यात्म से ही हमारे अंदर विवेक आता है विवेक से ही धैर्य की उत्पत्ति होती है और एकमात्र धैर्य ही किसी भी परिस्थिति में संयम बनाये रखने का सामर्थ्य देता है। उपाय करते समय साधक को जल्दबाजी नही करनी चाहिये कोई भी उपाय टोटके सबसे पहले प्रारब्ध को कमजोर करते है मन्त्र जाप धीरे धीरे प्रारब्ध को मिटाता है जिस प्रकार श्याही की दवात में साफ पानी भरना हो तो पहले उसके अंदर की गंदगी निकालने के लिए काफी पानी व्यर्थ करना पड़ता है यहां भी गंदगी जितनी अधिक होगी पानी उतना ही अधिक लगेगा उपाय करते समय पानी को आप मन्त्र जाप या अन्य टोटको से जोड़कर देख सकते है दवात साफ होने के बाद ही उसमे साफ पानी आएगा इसी प्रकार एकबार प्रारब्ध खत्म होने के बाद कोई भी उपाय चाहे वह हमारी नजर में मामूली ही क्यो ना हो तुरंत काम कर जाता है। अधिकांश मामलों में हमने देखा है उपाय करने वाले लोग बहुत जल्दी धर्य त्याग देते है कभी कभी तो सफलता के एकदम नजदीक पहुचकर या तो उपाय बदल देते है या उपाय बताने वाले को ही फिर होता यह है कि हमे दूसरा उपाय फिर शून्य से आरंभ करना पड़ता है।

आपने एक दोहा अवश्य सुना होगा

रस्सी आवत जाट से सिल पर पड़त निशान।
करत करत अभ्यास से जड़मति होत सुजान।।

कहने का तातपर्य यह है कि किसी भी कार्य को हाथ मे लेने के बाद उसे जब तक सफलता ना मिले बीच मे नही छोड़े तभी कार्य सिद्धि सम्भव है। टाने टोटके हजारों प्रकार के होते है राशि लग्न अनुसार भी जिनके विषय मे आप किसी भी प्रबुद्ध ज्योतिषी से संपर्क कर जान सकते है।

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