समर जायसवाल दुद्धी
दुद्धी।आज समूचे क़स्बे में करवा चौथ का पर्व बड़े श्रद्धा व आस्था के संग मनाया गया ।सुहागिन स्त्रियां प्रात: काल से ही निर्जला व्रत रखकर देर शाम चंद्रमा को अर्घ्य देकर चलनी से चंद्रमा और अपने पति का दर्शन कर जल ग्रहण करके व्रत अपने व्रतों को तोड़ा।मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति दीर्घायु होते है।
बताते चले कि करवा चौथ के व्रत में वैसे तो संपूर्ण शिव परिवार और चतुर्थी स्वरुप करवा का पूजन होता है पर इस व्रत में विशेष रूप से श्री गणेश का पूजन होता है और उन्हें साक्षी रखकर ही व्रत शुरू होता है। श्री गणेश जी को चतुर्थी का अधिपति देव माना गया है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां एक विशेष समय पर एकत्रित होकर कर्क चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ और श्रवण भी करती हैं। इस व्रत में महिलाएं चंद्रमा सहित भगवान शिव और कार्तिकेय की पूजा करती हैं और एक थाली में पकवान, फल रखकर दक्षिणा सहित सास-ससुर या घर के ज्येष्ठ को प्रदान करके उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।