खननकर्ताओं के द्वारा बाल मजदूरों से कराए जा रहे खनन
खनन की सूचना होते हुए भी मूकदर्शक बना वन विभाग
बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)
बभनी वन क्षेत्र के आस-पास की नदियों से खनन का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है जिससे खननकर्ता बेखौफ होकर बालू के कारोबार में लगे हुए हैं।जिस बात की जानकारी होते हुए भी वन विभाग के अधिकारी या वनकर्मी चैन की नींद सो रहे हैं।जबकि खनन करने में लगे ट्रैक्टर चालकों का कोई लाईसेंस नहीं है इतना ही नहीं बल्कि आपको बताते चलें कि जिन ट्रैक्टरों में बालू लोड किया जाता है उन ट्रैक्टरों पर काम करने वाले मजदूर जिनकी उम्र 14-15 वर्ष रही होगी एक ओर सरकार के द्वारा क्षेत्र के गरीब व आदिवासी क्षात्रों को पढ़ने के लिए अन्य तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं वहीं दूसरी ओर वही बच्चे मजदूरी करते हुए नजर आ रहे हैं।
रविवार को जब ग्रामीणों के द्वारा मिली सूचना के आधार पर भाठीमहुआ में ट्रैक्टर पकड़ा गया तब उसकी जानकारी वन विभाग के वन क्षेत्राधिकारी ए.एन.मिश्रा को दी गई तब उन्होंने बताया कि अभी हमारे वनकर्मी दस मिनट के अंदर पहुंच कर ट्रैक्टर को पकड़ कर रेंज आफिस ले जाएंगे लेकिन वनकर्मी ट्रैक्टर को पकड़ने में नाकाम रहे।और उस समय ट्रैक्टर में तेल खत्म हो चुका था इसके बावजूद मिली जानकारी के आधार पर दूसरे ट्रैक्टर के द्वारा बालू पलटकर खननकर्ता भाग निकलने में सफल रहे।इसी तरह लगातार क्षेत्र की नदियों से बालू खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है।