पूर्व कैबिनेट मंत्री कैलाश नाथ यादव व उनके सुपुत्र पूर्व विधायक सुनील यादव पहुचे सीजेएम कोर्ट

सोनभद्र। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद एंटी भू माफिया के तहत चलाए जा रहे अभियान में सोनभद्र जिले में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व कैबिनट मंत्री कैलाश नाथ यादव व उनके पूर्व विधायक बेटे सुनील सिंह यादव के ऊपर भी जुलाई 2017 में अपनी आराजी से अधिक वन भूमि कब्जा करने के आरोप में मुकदमा वन विभाग ने दर्ज कराया है।

जिसको लेकर आज एसीजेएम कोर्ट में दोनों पिता – पुत्र पेश होने के लिए आए थे लेकिन एसीजेएम कोर्ट रिक्त होने के कारण सीजेएम कोर्ट में दोनों लोग पेश हुए जहां पर सीजेएम ने यह कहकर मामले को प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया कि पूरा मामला एमपी और एमएलए से जुड़ा हुआ है जिसका कोर्ट प्रयागराज हाईकोर्ट में है इसलिए इस मामले की सुनवाई वहीं पर होगी।

वही पूर्व मंत्री कैलाश नाथ यादव ने बताया कि यह पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रचा गया है और मेरे ऊपर फर्जी मुकदमे लगवाए गए हैं। जिस जमीन को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं वह जमीन हमारी खुद की बैनामा ली गयी जमीन है। वही पूर्व मंत्री के अधिवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार पूर्व मंत्री पर दबाव बना रही है क्योंकि उसे लगता है कि इससे डर कर वह बसपा छोड़ के भाजपा में शामिल हो जाएंगे इसलिए वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद जुलाई 2017 में ही रेणुकूट वन प्रभाग ने ने पूर्व मंत्री पर 50 बीघा से अधिक जमीन कब्जा करने का झूठा आरोप दर्ज कराया है।

सोनभद्र जिला प्रशासन के आदेश पर वर्ष 2017 में इनके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें प्रशासन का आरोप था कि उन्होंने अपने आराजी से अधिक जमीन रेणुकूट वन रेंज के जोगेन्द्रा गांव में अधिग्रहण कर रखा है। इसी आरोप में न्यायालय में आए पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक हाजिर होने कोर्ट पहुचे थे। बसपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे कैलाश नाथ यादव व उनके बेटे पूर्व विधायक ओबरा सुनील कुमार यादव रेणुकूट रेंज के जोगेन्द्रा गांव में अपनी आराजी से अधिक जमीन अधिग्रहण करने के आरोप में आज एसीजेएम कोर्ट में पेश होना था लेकिन कोर्ट रिक्त होने के चलते सीजेएम कोर्ट में पेश हुए। जहां पर सीजेएम ने पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक को यह कह कर लौटा दिया कि मामला सांसद और विधायक से जुड़ा हुआ है जिसकी सुनवाई अलग स बनी बेंच में प्रयागराज हाईकोर्ट में होगी।

इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री कैलाश नाथ यादव ने बताया कि यह पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रचा गया है। यह मामला मेरे संज्ञान में नही था दो साल पहले जानकारी हुआ की फारेस्ट एक्ट का मुकदमा मेरे ऊपर लगाया गया है। यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं जो जान बूझकर फर्जी लगवाया गया है। जिस जमीन को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ है उस जमीन को मैंने बैनामा लिया हुआ है।

वही इस पूरे मामले पर अधिवक्ता रविंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि प्रशासन के आदेश पर 2017 में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें प्रशासन का आरोप था कि उन्होंने अपने आराजी से अधिक जमीन कब्जा कर रखा है। इसी आरोप में न्यायालय में पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक आए हुए थे। रेणुकूट वन प्रभाग के जोगेन्द्रा गांव में पूर्व मंत्री कैलाश नाथ यादव व उनके पूर्व विधायक सुनील कुमार यादव के ऊपर वन भूमि कब्जा करने का आरोप दर्ज कराया है। जिसमे आज हाजरी कोर्ट हुए जहां कोर्ट ने कहा कि मामला जनप्रतिनिधियों से संबंधित है इसके लिए अलग से बना है, इसलिए आप लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी। वही अधिवक्ता ने आगे बताया कि यह पूरा मामला राजनीतिक है , भाजपा चाहती है कि दोनों लोग भाजपा ज्वाइन कर ले इसीलिए झूठे आरोप लगा रही है।

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