“जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है” के नारे के साथ भाकपा माले ने किया प्रदर्शन

सोनभद्र।जो जमीन सरकारी है वह हमारी है यह नारा आज सोनभद्र के सदर तहसील में भाकपा माले के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने लगाया। अखिल भारतीय खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा के तत्वाधान में एक दिवसीय धरना एवं सभा के माध्यम से यह मांग किया कि जो जमीन सरकार है वह हमारी है , उस पर हमारा अधिकार दिया जाय। इन आदिवासियों की मांग है कि गांव के सरकारी भूमि पर लोग बसे हुए है और जिला प्रशासन नोटिस जारी करके उन्हें जमीन से बेदखल कर रहा है। वही भाकपा माले के राज्य स्थायी समिति के सदस्य शशिकान्त ने कहा कि गांव – गांव जाकर सर्वे किया गया तो सच्चाई यह है कि जिस जमीन पर गरीब आबाद है उसे नोटिस देकर खाली करने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही गांवो में लोगों के पास रोजगार नही है , पीने के लिए पानी भी नही है, गरीबो को सरकारी गल्ला की दुकानों से मिलने वाले राशन में कटौती किया जा रहा है, वनाधिकार के तहत उन्हें उनकी जमीनों पर मालिकाना हक नही दिया का जा रहा है इन्ही सब मुद्दों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।  सोनभद्र में सदर तहसील प्रांगण में भाकपा माले और अखिल भारतीय खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा के तत्वाधान में एक दिवसीय धरना एवं सभा के माध्यम से मांग पत्र दिया है। वही सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओ ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनरेगा कानून को ठंडे बस्ते डाल कर गांव गांव गरीबो के बीच बेरोजगारी की फौज खड़ा कर दिया है। आज भी गांव के गरीब बड़े पैमाने पर आवास , शौचालय , शुद्ध पेयजल से वंचित है। Vo 2 – भाकपा माले के राज्य स्थायी समिति के सदस्य शशिकान्त ने कहा कि गांव – गांव जाकर सर्वे किया गया तो सच्चाई यह है कि जिस जमीन पर गरीब आबाद है उसे नोटिस देकर खाली करने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही गांवो में लोगों के पास रोजगार नही है , पीने के लिए पानी भी नही है, गरीबो को सरकारी गल्ला की दुकानों से मिलने वाले राशन में कटौती किया जा रहा है, वनाधिकार के तहत उन्हें उनकी जमीनों पर मालिकाना हक नही दिया का जा रहा है इन्ही सब मुद्दों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां आदिवासियों ने जो जमीन सरकारी है वह हमारी है का नारा लगाया क्योकि जिला प्रशासन उन्हें नोटिस देकर उजाड़ रहा है जबकि गांव के बंजर , ग्राम समाज की जमीन पर गरीब बसा हुआ है।

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