आदि कवि महर्षि बाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाया गया

सोनभद्र।आज राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज रावटसगंज सोनभद्र में अनुसूचित मोर्चा के जिला अध्यक्ष भाजपा अजीत रावत द्वारा आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती और उनके चित्र पर माल्यार्पण कर धूप अगरबत्ती जलाकर बड़े ही धूमधाम से मनाया गया महर्षि बाल्मीकि जी की जयंती में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिला अध्यक्ष अजीत रावत ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया महर्षि बाल्मीकि जी को रत्नाकर के नाम से जाना जाता था इनके पिता का नाम प्रचेता था महर्षि बाल्मीकि जी आदि कवि के नाम से भी प्रसिद्ध उन्हें या उपाधि और प्रथम श्लोक निर्माण करने पर दी गई थीमाना जाता है कि बाल्मीकि जी महर्षि कश्यप और अदिति के नवे पुत्र प्रचेता की संतान है उनके माता का नाम चषणी था महर्षि बाल्मीकि जी भगवान श्री राम के जीवन चरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण की रचना की थी ऐतिहासिक तथ्यों के मतानुसार अधिक काव्य श्रीमद् वाल्मीकि रामायण जगत का स्वर प्रथम काव्य था महर्षि बाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचना संस्कृत भाषा में की थी महर्षि बाल्मीकि जी का जीवन रत्नाकर से बाल्मीकि तक का सफर बहुत ही अद्भुत एवं प्रेरणादायक रहा भील प्रजात में बड़े पढ़ें डाकू रत्नाकर लोगों को लूटपाट कर अपना गुजारा चलाते थे एक बार शिकार की खोज में जब वह जंगल में निकले थे तब उनका सामना नारजी से हुआ लूटपाट के इरादे को नारद मुनि जी को बंदी बना लिया तथा नाराज जी ने उन्हें रोकते एक सवाल पूछा कि आपका यह सब पाप कर्म किसके लिए कर रहे हो जी तुम्हारे पाप का फल भोगने के लिए तुम्हारे परिवार जन तुम्हारे साथ हिस्सेदार बनेंगे! डाकू रत्नाकर जी ने कहा कि हां फिर उन्होंने कहा कि अपने परिवार वालों से पूछ कर बताना जब दूसरे दिन डाकू रत्नाकर जी से नारद जी की मुलाकात हुई तब उन्होंने पूछा कि आपके परिवार वालों ने कहा कहा उन्होंने बताया इस साथ में हमारे घर घरवाले इस बात का हिस्सा नहीं बनेंगे इससे रत्नाकर के हृदय को बहुत ही धक्का लगा जिससे उनका हृदय परिवर्तन हो गया और फिर मरा मरा कि जब से भगवान राम का नाम जपने लगे आदि कभी रामायण रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन बड़ा ही रोचक और प्रेरणादायक रहा डाकू रत्नाकर से महर्षि बाल्मीकि बन गए और रामायण जैसे महाकाल की रचना कर डाली! आज के इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी नगर महामंत्री अभिषेक गुप्ता सभासद विनोद सोनी अखिलेश कश्यप अशोक विमलेश रमेश सुनील मनोज अकाश मृत्युंजय दिनेश कुमार शिवाजी शैलेंद्र रावत किशन सुनील रावत पिंटू किशोर कमलेश विरेंदर महेंदर सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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