अध्यापक विहीन हुए दर्जनों से भी अधिक विद्यालय
बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
शिक्षामित्रों के सहारे निर्भर शिक्षा व्यवस्था
दफ्तरों में आराम फरमा रहे संबंधित अधिकारियों के द्वारा दिया जा रहा झूठा आश्वासन

बभनी विकास खंड में शिक्षकों का स्थानांतरण मनमानी तरीके से किया गया जिससे अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नौनिहालों को अनाथ कर गई।और शासन के द्वारा चलाए जा रहे मध्याह्न भोजन योजना का आज कोई संचालन करने वाला नहीं है जहां विद्यालयों में दो शिक्षक कार्यरत थे वहीं दोनों शिक्षकों को दूसरे ब्लाकों में स्थानांतरण कर दिया गया और उन विद्यालयों में को शिक्षामित्रों के सहारे संचालित किया जा रहा है।जो अविभावकों में घोर चिंता का विषय बना हुआ है यदि शिक्षा व्यवस्था इसी तरह बनी रही तो अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों का सपना कैसे साकार हो सकेगा जो इन मासूमों को अनाथ कर दिया गया और अध्यापकों को मनमानी तरीके से एक-दूसरे विद्यालयों में और जहां शिक्षक हैं ही नहीं वहां संबद्ध कर दिया जा रहा है।जिसकी सूचना होते हुए भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा किसी तरह की कोई जांच नहीं कराई जा रही है उनके द्वारा केवल आश्वासन ही मात्र रह गया है। विचार करने योग्य बात यह है कि यदि विद्यालय में एक ही शिक्षामित्र तैनात है उसके सहारे एमडीएम कार्यालय संबंधित सूचनाएं तैयार करना इसके साथ उसके सहारे दो सौ बच्चे यदि विद्यालय में कोई घटना घट जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। पदस्थापन के नियमों को दांव पर लगाते हुए दफ्तरों में बैठे अधिकारी केवल झूठा आश्वासन देते हुए नजर आते हैं।इसके साथ- साथ प्राप्त जानकारी के अनुसार पता चला कि उच्च प्राथमिक विद्यालय कोंगा उ.प्रा. विद्यालय भवंर प्राथमिक विद्यालय सड़क टोला दरनखांड़ चपकी सेमरिया महलपुर कारीडांड़ छिपिया नावाटोला समेत दर्जनों से भी ऐसी विद्यालय हैं और कई विद्यालय तो बंद होने की कगार पर चल रही हैं।
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