
बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)
इस बात को लेकर वनविभाग भी बना मूकदर्शक।
विद्यालय बने शिक्षकविहीन अध्यापकों का मनमानी ढंग से किया जा रहा स्थानांतरण।
शिक्षामित्रों के सहारे संचालित किए जा रहे कई विद्यालय।
बभनी। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार प्रत्येक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गैस चूल्हे पर खाना बनवाया जाना चाहिए परंतु बभनी ब्लाक में लगभग 60 प्रतिशत विद्यालयों में चूल्हों पर खाना बनवाया जा रहा है। यदि देखा जाए तो वन संरक्षण अभियान के तहत सरकार प्रतिवर्ष लाखों पौधे लगवाने का संकल्प लेती है वहीं विद्यालयों में मध्याह्न भोजन व होटलों को लेकर उसके दोगूना के मात्रा में पौधे कटवाए जा रहे हैं।जिस बात को लेकर वन विभाग भी अनजान के तरह मूकदर्शक बना हुआ है।जबकि बभनी वन रेंज से लकड़ी विक्रेताओं के द्वारा प्रतिदिन सैकड़ों पौधे काटकर अपने हौसले बुलंद दिख रहे हैं। कहीं विद्यालयों में गैस कनेक्शन है तो गैस का पता नहीं है कहीं गैस का नामोनिशान ही नहीं दिख रहा है संबंधित अधिकारी या कर्मचारी कागजी कार्रवाई करने के होड़ में लगे हुए हैं।इस दौरान प्राथमिक विद्यालय सड़क टोला प्राथमिक विद्यालय घसियाटोला टोला उच्च प्राथमिक विद्यालय बभनी डगडऊआटोला बड़होर कारीडांड़ बरवाटोला समेत कई विद्यालयों में चूल्हे पर खाना बनवाया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश मीडियम सड़क टोला में दो शिक्षक कार्यरत थे जिसमें दोनों अध्यापकों का स्थानांतरण घोरावल व राबर्ट्सगंज में कर दिया गया यहां दो शिक्षामित्रों के सहारे विद्यालय का संचालन कराया जा रहा है जिसमें एक शिक्षामित्र जो ब्लाक संसाधन केंद्र पर मेधावी परीक्षा में क्षात्रों को लेकर गए थे।ऐसी दयनीय स्थिति में कैसे चलेगी शिक्षा व्यवस्था।
फोटो-: प्राथमिक विद्यालय सड़क टोला में चूल्हे पर खाना बनाती रसोईयां।
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