असत्य पर सत्य के विजय का त्यौहार विजय दशमी रावण के पुतला दहन के साथ किया गया

डाला/सोनभद्र।विजयादशमी पर स्थानीय रामलीला मैदान में चल रहे रामलीला के दसवें दिन राम रावण युद्व लीला का मंचन किया गया।असत्य पर सत्य की विजय हुयी रावण के दहन होते ही पूरा पंडाल जय श्रीराम जय श्रीराम के उद्दघोषों से गुंज उठा।प्राप्त जानकारी के अनुसार युद्ध भूमि में लंका की सारी सेना मारे जाने के बाद महारानी मंदोदरी कहती है कि हे स्वामी आपके अहंकार के कारण मैने पुत्र व आपने भाई खो दिया हे प्रभु युद्ध ना करें, परन्तु हठी रावण नही मानता,अपने बचे हुए सेना को लेकर स्वंम युद्ध के लिये निकल पड़ा युद्ध के दौरान जब रावण धरासायी होकर पुनः उठ जाता है तो वानर सेना को चिन्ता सताने लगती हैआखिरकार रावण कैसे मारा जायेगा उसके पश्चात विभीषण ने भगवान श्रीराम को बताया की रावण के नाभी में तीर से मारा जाय तो रावण का बध सुनिश्चित है इतना सुनते श्री राम अपने आराध्य महादेव का ध्यान लगाकर तीर रावण के नाभी में मार देते है , तीर लगते ही रावण जमी पर गिरकर धरासायी हो गया| रावण के धरासायी होते ही पुरा रामलीला मैदान जय श्री राम जय श्रीराम ,लखन लाल की जय के उद्दघोष से गुंजमान हो उठ|सुरझा व्यवस्था डाला चौकी प्रभारी चंद्रभान सिंह व कमेटी के लोग मुस्तैदी से मौजुद रहे|

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