नीम का पेड़ किसी चंदन से कम नहीं दरबार हजारों देखे हैं पर मॉ से बड़ा कोई दरबार नहीं-वर्षा

दुर्गा पूजा पर देवी जागरण का आयोजन ।

शक्तिनगर;सोनभद्र।एनटीपीसी लिमिटेड/सिंगरौली सुपर थर्मल पावर स्टेषन के आवासीय परिसर में शक्ति उपासना के महापर्व दुर्गा पूजा के मौके पर दुर्गा पूजा आयोजन समिति के संयोजन में दुर्गाअष्टी के मौके पर पूजा परिसर मे सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रंखला में विषाल देवी जागरण का कराया गया। विदित रहे शक्तिनगर दुर्गा पूजा के मौके पर होने वाले देवी जागरण का क्षेत्रीय जनता को पूरे वर्ष इंतजार होता है । जन भावना को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष देवी जागरण के लिए वाराणसी के ख्यातिलब्ध जागरण कलाकार अमेलश शुक्ल एवं उनकी टीम को आमंत्रित किया गया था । मुख्य महाप्रबंधक देवाशीष चट्टोपाध्ययाय, महाप्रबंधक ;प्रचालन एस.के.नायक, दुर्गा पूजा आयोजन समिति की ओर से आलोक त्रिपाठी अपर महाप्रबंधक ;प्रचा.एव अनु.एवं अन्य सदस्यों ने अम्यागत कालाकारों को माला तथा अंगवस्त्रम भेट कर कलाकारों को मंच प्रदान किया । आयोजन की परंपरानुसार अमलेश शुक्ल ने भगवान श्री गणेश की स्तुति वक्रतुण्ड महाकाया के साथ सातो देवियों की प्रार्थना में या देवी सर्वभुतेषु के मंत्र का वाचन कर वातावरण को भक्तिमय बनाने में पूरी तरह सफल रहे ,भगवती दुर्गा के लगातार जयकारे के मध्य शेर पर सवार होकर मइया आई हो ,नचदे -नचाइदे ठुमका लगाइदे, मेरा भोला है भण्डारी जैसे लोकबोली के गीतो से श्रोताओं को खुब आनंदित किया । कार्यक्रम के लिए टीम की सहयोगी गायिका कलाकार वर्षा ने नीम का पेड़ किसी चंदन से कम नहीं दरबार हजारों देखे हैं पर मॉ से बड़ा कोई दरबार नहीं की प्रस्तुति ने खुब तालियां बटोरी तथा एक से बढकर एक देवी गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भक्ति रस की वर्षा में भीगोती रही । अंत में उन्होंने दुनिया से मैं क्या मांगू -ये दुनिया तो एक भिखारनी है का वाचन कर उपस्थितों को अगूढ संदेश प्रदान किया । टीम के अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को उंचाईयां प्रदान की । दर्षकों की उपस्थिती एवं उत्साह को देखते हुए कार्यक्रम काफी सफल माना जा रहा है । बताते चले कि आरंभ से अंत तक कार्यक्रम का भक्तिमय स्वरूप में सम्पन्न हुआ । विदित रहे शक्तिनगर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रामलीला का मंचन हो रहा है , सीता की खोज , लंका दहन एवं विभिषण शरणागत की लीला मुख्य महाप्रबंधक के मुख्य आतिथ्य में खेली गयी । अनुभवी लीला मंडली के कालोकारों की बेहतरीन संवाद षैली के कारण भारी संख्या में रामलीला प्रेमी मुक्ताकांश रंगषाला में जुट रहे हैं । लीला मंचन के दौरान प्रसंगो के अनुरूप श्री रामचन्द्र की जय- महाबली हनुमान का गगन भेदी जयघोष कर लीला कलाकरों को अपना सर्मथन प्रदान करते नजर आते हैं ।

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