जिला ग्रामोद्योग विभाग से जुड़कर कुटीर/ग्रामोद्योग का लाभ उठाएं लाभार्थी

सोनभद्र।जिला ग्रामोद्योग अधिकारी विनोद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय रूप से उपलब्ध कच्चा माल एवं संसाधनों के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर/ग्रामोद्योग स्थापना कराकर ग्रामीण औद्योगीकरण के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराकर बेरोजगारी की समस्या को दूर करना।शिक्षित तकनीकी शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित परंपरागत एवं अनुभवी बेरोजगार को उनके गॉव में ही रोजगार उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करके स्वावलम्बी बनाना एवं गॉव से शहर की तरफ होने वाले पलायन को रोकना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना- इस योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 18 से 50 वर्ष के शिक्षित बेरोजगार तकनीकी शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित परम्परागत कारीगरों एवं उद्योग के अनुभवी व्यक्तियों को ग्रामोद्योग की स्थापना हेतु बैंकों के माध्यम से 01 से 10 लाख रूपये तक का ऋण दिलाये जाने का प्राविधान है।योजनान्तर्गत सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमियों को प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिशत एवं महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत अपना अंशदान लगाना पड़ता है। बैंक द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट के पॅूंजीगत ऋण (टर्म लोन) पर सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमी को 4प्रतिशत ब्याज भुगतान करना पड़ता है शेष ब्याज की धनराशी शासन द्वारा ब्याज उपादान के रूप में छूट दिये जाने का प्राविधान है। महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को बैंक द्वारा स्वीकृत पॅूंजीगत ऋण पर लगने वाली समस्त ब्याज की छूट दिये जाने का प्राविधान है। योजना पूर्णतया ऑनलाइन है। 2- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पी0एम0ई0जी0पी0 योजना- इस योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 18 से 50 वर्ष उम्र के शिक्षित बेरोजगार तकनीकी शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित परम्परागत कारीगरों एवं उद्योग के अनुभव व्यक्तियों को ग्रामोद्योग की स्थापना हेतु बैंकों के माध्यम से 1 से 25 लाख रूपये तक का ऋण दिलाये जाने का प्राविधान है। योजनानान्तर्गत सामान्य वर्ग के पुरूश उद्यमियों को प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिषत अपना अंशदान लगाना पड़ता है और 25प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान भारत सरकार से दिये जाने का प्राविधान है। महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को प्रोजेक्ट लागत का 5 प्रतिषत अपना अंशदान लगाना पड़ता है और 35प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान भारत सरकार द्वारा दिये जाने का प्राविधान है। योजना पूर्णतः ऑनलाइन है। 3-पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना- यह योजना राज्य सरकार की नई योजना है जो वित्तीय वर्ष-2018-19 से लागू की गयी है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष-2018-19 से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनान्तर्गत (पी0एम0ई0जी0पी0) योजनान्तर्गत वित्त पोषित एवं स्थापित होने वाली इकाईयों का बैंक द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट लागत में से उद्यमी का अंशदान एवं मार्जिन मनी अनुदान को घटाकर शेष ऋण की धनराषि पर अधिकतम 13 प्रतिशत तक ब्याज की छूट दिये जाने का प्राविधान है। उदाहरणार्थ सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमी को प्रोजेक्ट लागत का 10प्रतिशत तथा 25प्रतिशत अर्थात 35प्रतिशत घटाकर शेष 65प्रतिशत शेष ऋण की धनराशि पर एवं महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को 5प्रतिशत, 35प्रतिशत अर्थात 40 प्रतिषत घटाकर शेष 60प्रतिषत ऋण की धनराशी पर ब्याज की छूट दिये जाने का प्राविधान है। 4- अन्य योजनाएं- कौशल विकास प्रशिक्षण, व्यवहारिक प्रशिक्षण एवं उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण की सुविधा। 5- अन्य सुविधएं – नेटवेट/सी0टी0/जी0एस0टी के राज्य अंश के समतुल्य जमा हुई धनराशी की क्षतिपूर्ति की सुविधा 5 करोड़ टर्न ओवर तक (एक वित्तीय वर्ष में)। औद्योगिक अनुसंधान, उत्पाद की गुणवत्ता सुधार एवं विकास के लिए लैब टेस्टिंग क्वालिटी सर्टिफिकेट लैब एवं टूल रूम स्थापित करने हेतु प्लाण्ट मशीनरी एवं एक्यूपमेन्ट पर किए जाने वाले व्यय हेतु दिये गये ऋण पर 5प्रतिशत की दर से 5 वर्षों तक ब्याज की क्षतिपूर्ति। नई स्थापित होने वाली इकाइयों को इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी से 10 वर्षों तक की अवधि हेतु अधिकतम 1 लाख की छूट होगी। कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद के कच्चे माल पर मण्डी शुल्क की छूट। जिन उद्यमियों को जी0एस0टी0 नियमों के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए अनुमति नहीं दी गयी है, उन्हें निर्माण एवं परिवर्तन में जाने के दौरान खरीदे गये प्लाण्ट एवं मषीनरी बिल्डिंग मैटेरियल एवं अन्य पॅूंजीगत तथा कच्चा माल अन्य इनपुट क्रेडिट के वैट/सीएसटी/जीएसटी की समतुल्य धनराषियों की प्रतिपूर्ति की सुविधा उपलब्ध है।सोनभद्र।जिला ग्रामोद्योग अधिकारी विनोद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय रूप से उपलब्ध कच्चा माल एवं संसाधनों के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर/ग्रामोद्योग स्थापना कराकर ग्रामीण औद्योगीकरण के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराकर बेरोजगारी की समस्या को दूर करना। शिक्षित तकनीकी शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित परंपरागत एवं अनुभवी बेरोजगार को उनके गॉव में ही रोजगार उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करके स्वावलम्बी बनाना एवं गॉव से शहर की तरफ होने वाले पलायन को रोकना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना- इस योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 18 से 50 वर्ष के शिक्षित बेरोजगार तकनीकी षिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित परम्परागत कारीगरों एवं उद्योग के अनुभवी व्यक्तियों को ग्रामोद्योग की स्थापना हेतु बैंकों के माध्यम से 01 से 10 लाख रूपये तक का ऋण दिलाये जाने का प्राविधान है। योजनान्तर्गत सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमियों को प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिषत एवं महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिषत अपना अंशदान लगाना पड़ता है। बैंक द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट के पॅूंजीगत ऋण (टर्म लोन) पर सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमी को 4प्रतिशत ब्याज भुगतान करना पड़ता है शेष ब्याज की धनराशी शासन द्वारा ब्याज उपादान के रूप में छूट दिये जाने का प्राविधान है। महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को बैंक द्वारा स्वीकृत पॅूंजीगत ऋण पर लगने वाली समस्त ब्याज की छूट दिये जाने का प्राविधान है। योजना पूर्णतया ऑनलाइन है। 2- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पी0एम0ई0जी0पी0 योजना- इस योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 18 से 50 वर्ष उम्र के शिक्षित बेरोजगार तकनीकी शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित परम्परागत कारीगरों एवं उद्योग के अनुभव व्यक्तियों को ग्रामोद्योग की स्थापना हेतु बैंकों के माध्यम से 1 से 25 लाख रूपये तक का ऋण दिलाये जाने का प्राविधान है। योजनानान्तर्गत सामान्य वर्ग के पुरूश उद्यमियों को प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिषत अपना अंशदान लगाना पड़ता है और 25प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान भारत सरकार से दिये जाने का प्राविधान है। महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को प्रोजेक्ट लागत का 5 प्रतिषत अपना अंशदान लगाना पड़ता है और 35प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान भारत सरकार द्वारा दिये जाने का प्राविधान है। योजना पूर्णतः ऑनलाइन है। 3-पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना- यह योजना राज्य सरकार की नई योजना है जो वित्तीय वर्ष-2018-19 से लागू की गयी है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष-2018-19 से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनान्तर्गत (पी0एम0ई0जी0पी0) योजनान्तर्गत वित्त पोषित एवं स्थापित होने वाली इकाईयों का बैंक द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट लागत में से उद्यमी का अंशदान एवं मार्जिन मनी अनुदान को घटाकर शेष ऋण की धनराषि पर अधिकतम 13 प्रतिशत तक ब्याज की छूट दिये जाने का प्राविधान है। उदाहरणार्थ सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमी को प्रोजेक्ट लागत का 10प्रतिशत तथा 25प्रतिशत अर्थात 35प्रतिशत घटाकर शेष 65प्रतिशत शेष ऋण की धनराशि पर एवं महिला सहित अन्य आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को 5प्रतिशत, 35प्रतिशत अर्थात 40 प्रतिषत घटाकर शेष 60प्रतिषत ऋण की धनराशी पर ब्याज की छूट दिये जाने का प्राविधान है। 4- अन्य योजनाएं- कौशल विकास प्रशिक्षण, व्यवहारिक प्रशिक्षण एवं उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण की सुविधा। 5- अन्य सुविधएं – नेटवेट/सी0टी0/जी0एस0टी के राज्य अंश के समतुल्य जमा हुई धनराशी की क्षतिपूर्ति की सुविधा 5 करोड़ टर्न ओवर तक (एक वित्तीय वर्ष में)। औद्योगिक अनुसंधान, उत्पाद की गुणवत्ता सुधार एवं विकास के लिए लैब टेस्टिंग क्वालिटी सर्टिफिकेट लैब एवं टूल रूम स्थापित करने हेतु प्लाण्ट मशीनरी एवं एक्यूपमेन्ट पर किए जाने वाले व्यय हेतु दिये गये ऋण पर 5प्रतिशत की दर से 5 वर्षों तक ब्याज की क्षतिपूर्ति। नई स्थापित होने वाली इकाइयों को इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी से 10 वर्षों तक की अवधि हेतु अधिकतम 1 लाख की छूट होगी। कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद के कच्चे माल पर मण्डी शुल्क की छूट। जिन उद्यमियों को जी0एस0टी0 नियमों के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए अनुमति नहीं दी गयी है, उन्हें निर्माण एवं परिवर्तन में जाने के दौरान खरीदे गये प्लाण्ट एवं मषीनरी बिल्डिंग मैटेरियल एवं अन्य पॅूंजीगत तथा कच्चा माल अन्य इनपुट क्रेडिट के वैट/सीएसटी/जीएसटी की समतुल्य धनराषियों की प्रतिपूर्ति की सुविधा उपलब्ध है।

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