लखनऊ: 30 सितम्बर, 2019
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के चारे, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गयी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए 168 राहत शिविर लगाये गये हैं। इन राहत शिविरों में अब तक 2947 कुन्तल भूसा वितरित किया जा चुका है। इसके साथ ही पशुओं को संक्रामक रोग से बचाव हेतु टीकाकरण का कार्य भी किया जा रहा है। अब तक बाढ़ प्रभावित/संभावित क्षेत्रों में कुल 151517 खुराक टीका लगाया जा चुका है।
यह जानकारी आज यहां पशुपालन विभाग के निदेशक डा0 एस.के. श्रीवास्तव (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) ने दी। उन्होंने बताया कि संक्रामक बीमारियों को रोकथाम हेतु पशु चिकित्सा टीमों का गठन किया गया है। प्रदेश के सभी ब्लाकों में ब्लाक स्तरीय पशु चिकित्सालयों में बहुउद्देशीय सचल वाहन उपलब्ध है। विभिन्न बाढ़ शिविरों में आवश्यकतानुसार पशुओं की चिकित्सा की जा रही है एवं पशुओं के लिये कीड़े मारने की दवायें एवं मिनरल मिक्स्चर का वितरण किया जा रहा है। अब तक बाढ़ प्रभावित जनपदों में कुल 8173 पशुओं का उपचार किया गया है। इसके साथ ही पर्याप्त दवाएं एवं वैक्सीन सभी पशु चिकित्सालयों पर उपलब्ध है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों के माध्यम से ग्राम सभाओं में गठित जल प्रबंधन समिति से संपर्क कर शुद्ध पीने की व्यवस्था की जा रही है।
निदेशक ने बताया कि बाढ़ चैकियों पर आवश्यकतानुसार जीवन रक्षक औषधि, वैक्सीन, दवा एवं मरहम पट्टी का सामान आदि उपलब्ध करा दिये गये हैं एवं बाढ़ के समय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अवकाश विशेष परिस्थितियों को छोड़ कर न दिये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। संवेदनशील जनपदों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को ये भी निर्देश दिये गये हैं कि आवश्यकता पड़ने पर जिलाधिकारी से संपर्क स्थापित करके राष्ट्रीय आपदा कोश से भी आपातकालीन/जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में किये जा रहे कार्यों के सघन अनुश्रवण हेतु निदेशालय स्तर से नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं, जो जिला प्रशासन एवं निदेशालय स्तर पर समन्वय स्थापित करके चलाये जा रहे कार्यक्रमों को गति प्रदान कर रहें है। निदेशालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है। जिसका टेलीफोन नम्बर है 0522-274191, 274192 एवं टोल फ्री नम्बर 18001805141 है।