सोनभद्र/दिनांक 27 सितम्बर, 2019।प्रशिक्षण से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है, लिहाजा राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारी/कार्मिकगण ‘‘भू-समाधान‘‘ सम्बन्धी विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हुए भूमि विवादों को अपलोड करने के साथ ही समयबद्ध तरीके से निस्तारण कराने में अपनी जिम्मेदारी निभायें। उक्त निर्देश जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम व पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने जिले के भूमि सम्बन्धी विवादों के निस्तारण के लिए अभिनव कार्य ‘‘भू-समाधान‘‘ पोर्टल प्रक्रिया के बेहतर संचालन सम्बन्धी राजस्व व पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों के प्रषिक्षण समारोह को सम्बोधित करते हुए दियें। दोनों अधिकारियों ने कहा कि ‘‘भू-समाधान‘‘ प्रषिक्षण कार्यक्रम में दी जा रही जानकारी को अक्षरशः समझेंं और जमीनी विवाद के श्रेणियांं के साथ ही जरूरी कदम समयबद्ध तरीके से उठायें। दोनों अधिकारियों ने कहा कि ‘‘भू-समाधान‘‘ के प्रकरण अपलोड करने के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार, थानाध्यक्ष, नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षकों ‘‘भू-समाधान‘‘ लॉगिन आई0डी0 आवंटित कर दी गयी है और प्रशिक्षण में दी गयी जानकारी के मुताबिक ‘‘भू-समाधान‘‘ प्रक्रिया को अपनाना है। उन्होंने बताया कि भूमि विवाद निस्तारण के चार श्रेणी बनाये गये हैं, जिसमें सबसे पहले बैगनी/सामान्य श्रेणी में अपलोड होंगें, इसके बाद यदि उक्त प्रकरण का परीक्षण किया जायेगा। उक्त प्रकरण संवेदनशील प्रकरण होने पर पीले रंग में, अति संवेदनशील होने पर लाल रंग में व प्रकरण निस्तारित होने पर हरे रंग की श्रेणी में होंगें। ‘‘भू-समाधान‘‘ के लिए तीन स्तर बनाये गये हैं प्रथम स्तर में राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार मय दो लेखपालों के साथ तथा एक उप निरीक्षक दो बीट सिपाहियों के साथ प्रकरण का मौके पर जाकर परीक्षण करेंगें। उक्त प्रकरण प्रथम स्तर से निस्तारित नहीं होगा, तो द्वितीय स्तर के टीम ,जिसमें तहसीलदार व सम्बन्धित थाना प्रभारी होंगें, मौके पर जाकर निस्तारण की कार्यवाही करेंगें। यदि द्वितीय स्तर की टीम द्वारा प्रकरण निस्तारित नहीं होता है तो तृतीय स्तर की टीम , जिसमें उप जिलाधिकारी व पुलिस क्षेत्राधिकारी शामिल है, वे मौके पर जाकर प्रकरण का निस्तारण करेंगें। ‘‘भू-समाधान‘‘ प्रषिक्षण कार्यक्रम में जहॉ ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी, वहीं जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने प्रशिक्षण में मौजूद उप जिलाधिकारियों, पुलिस क्षेत्राधिकारियों, थाना प्रभारियों आदि द्वारा उठाये गये सवालों का शंका-समाधान किया गया। जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण में मौजूद सभी अधिकारियों को दायित्वबोध कराते हुए कहा कि जमीन सम्बन्धी प्रकरण चाहें , वह किसी भी श्रेणी का हो, हर हाल में सभी प्रकरण को ‘‘भू-समाधान‘‘ सिस्टम पर अपलोड करना सुनिष्चित करें। प्रषिक्षण में जिलाधिकारी श्री एस0 राजलिंगम व पुलिस अधीक्षक श्री प्रभाकर चौधरी के अलावा अपर जिलाधिकारी श्री योगेन्द्र बहादुर सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी सोनभद्र श्री संजीव कुमार सिंह, उप जिलाधिकारीगण, तहसीलदारगण, पुलिस क्षेत्राधिकारीगण, थाना प्रभारीगण सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।