एनसीएल की ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ कार्यशाला संपन्न

पेशेवर एवं घरेलू जिम्मेदारियों में तालमेल, महिला स्वास्थ्य और अधिकारों पर हुई तफसील से चर्चा

सिगरौली।नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) द्वारा अपनी महिला कर्मियों के लिए आयोजित दो दिवसीय ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हुई। कंपनी की तरक्की में महिला कर्मियों की अहमियत और उनके तनाव मुक्त रहकर अपनी पूर्ण कार्यक्षमता के साथ कार्य निष्पादन में योगदान देने के उद्देश्य से एनसीएल मुख्यालय के अधिकारी गृह में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्यालय सहित विभिन्न कोयला क्षेत्रों एवं इकाइयों की 100 महिला कर्मियों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं और अधिकारों से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर खुलकर चर्चा की।

एनसीएल की डॉ॰ नेहा स्मृति एवं डॉ॰ रेनू कुमारी ने महिला स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों के लक्षण एवं उनसे बचाव की जानकारी दी। कंपनी के केंद्रीय चिकित्सालय, सिंगरौली की मुख्य चिकित्सा सेवाएं (सीएमएस) डॉ॰ मीनाक्षी राणा ने स्तन एवं गर्भाशय कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में एनसीएल महिला कर्मियों के साथ तफसील से चर्चा की।

कार्यशाला में सिंगरौली जिले के अतिरिक्त जिला न्यायधीश यू॰ पी॰ सिंह ने एनसीएल महिला कर्मियों को उन्हें प्राप्त संवैधानिक एवं कानूनी अधिकारों का बिना किसी संकोच के प्रयोग करने के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके जन्म से लेकर जीवन के हर मोड़ पर उनकी रक्षा करने, उन्हें सशक्त बनाने, अपनी अलग पहचान बनाने एवं उस पहचान को बनाए रखने के लिए भारतीय संविधान एवं कानून में पर्याप्त प्रावधान हैं, जिनके पालन के लिए महिलाओं को स्वयं निडर होकर आगे आना होगा।

एनसीएल के महाप्रबंधक (कार्मिक) एवं कार्मिक प्रमुख चार्ल्स जुस्टर ने कार्यस्थल पर दोस्ताना माहौल का निर्माण कर एक-दूसरे के कार्य दायित्व निर्वहन में सहयोग देने और नए अवसरों के साथ आने वाली जिम्मेदारियों के अहसास के साथ हम मिलकर बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना आसानी से कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कार्यशाला में सीखी गई बातों को अपनी महिला सहकर्मियों एवं परिजनों से साझा करने का आह्वान भी किया, ताकि महिलाओं को सशक्त बनाने की एनसीएल की इस मुहिम का अधिक से अधिक महिलाओं तक लाभ पहुंच सके।

एनसीएल परिवार की तीन नौकरीपेशा जोड़ियों- राजाराम यादव एवं श्रीमती किरन, श्रीमती मीना पेटकर एवं श्री मधुकर पेटकर तथा श्रीमती सोनाली दत्ता एवं श्री विप्लव ज्ञान ने पति-पत्नी दोनों के नौकरीपेशा होने की स्थिति में आने वाली घरेलू एवं पेशेवर चुनौतियों का सामना करने की कुछ टिप्स साझा की और कहा कि एक-दूसरे की जरूरतों के प्रति संवेदनशील एवं सहनशील होने तथा जिम्मेदारियां साझा करने से पेशेवर एवं घरेलू जिंदगियों में आसानी से तालमेल बैठाया जा सकता है।

Translate »