विशेष सचिव ने वनाधिकार कानून हेतु क्षेत्रवासियों को दिया प्रशिक्षण

दुद्धी।(भीमकुमार) स्थानीय तहसील क्षेत्र के लोगों को शनिवार शाम करीब 5 बजे तहसील सभागार में हजारों ग्रामीण क्षेत्रवासियों को लागू हुए वनाधिकार कानून के बारे में प्रशिक्षण दिया। समाज कल्याण उत्तर प्रदेश शासन विशेष सचिव धीरज कुमार ने लोंगो को सम्बोधित करते हुए बताया कि वनाधिकार कानून 2006 में लागू हुआ है। वनाधिकार कानून अनुसूचित जनजाति के लोंगो के लिए महत्वपूर्ण है। जो क्षेत्र के लोंगो को बताया गया कि 2005 से पहले जंगल की जमीन पर कब्जा किया गया होगा, उसे भी

वनाधिकार कानून के तहत लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार द्वारा 54 हजार मामलों को पहल किया गया था। जबकि ऐसे 14 हजार मामलों को निरस्त किया गया था, और 11 हजार मामलों की सुनवाई किया गया था। वनाधिकार कानून के केंद्र सरकार व मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पर पहल हुई थी। वनाधिकार के अधिकार के विभिन्न जानकारी ग्रामीणों में नही होने के कारण उनका अधिकार नही मिल पा रहा था, जिसके लिए शासन ने जिले के घोरावल, नगवां, चोपन, चतरा, दुद्धी में ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान व राजस्व अधिकारी एव वन विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। विशेष सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों पर कड़े तेवर के साथ फटकार लगाई, और कहा कि वनाधिकार के बारे में वन विभाग के अधिकारियों को कुछ भी नही पता ये गांव में लोंगो को कैसे

समझायेंगे।
वनाधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए सत्यनारायण यादव ने बताया कि यहाँ किसी भी अधिकारी को वनाधिकार कानून के बारे में किसी को कुछ भी नही पता है। अगर ग्रामीणों को वनाधिकार सम्बंधित जानकारी होता तो अबतक अन्य हजारों ग्रामीणों को इसका लाभ दिखाई दिया होता। यहाँ तक कि अधिकारियों ने क्षेत्र के जमीन के बारे में गलत रिपोर्ट लगाकर भेज दिया। जो आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान प्रियंका वर्मा संयुक्त निदेशक जनजाति विकास लखनऊ, कृष्णा नंद तिवारी समाज कल्याण अधिकारी सोनभद्र, योगेंद्र बहादुर अपर जिलाधिकारी सोनभद्र, सुशील यादव एसडीएम दुद्धी सहित क्षेत्र के ग्राम प्रधान व वन विभाग के समस्त अधिकारी मौजूद रहे।

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