सोनभद्र।बिजली बकायेदारों की वशूली को लेकर प्रदेश सरकार के फरमान के बाद जिला प्रशासन द्वारा विद्युत बिल बकायेदारों पर नकेल कसने के बाद भी उचित परिणाम नहीं मिलने पर मायूस विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्युत बिल जमा कराने का बिल्कुल ही नया तरीका लागू किया गया है ,जिसे सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम जनपयोगी योजनाएं भले ही बंद हो जाए ,लेकिन बिजली बिल जमा होना चाहिए।
जी हां बिजली विभाग द्वारा एक नया आदेश जारी करते हुए यह कहा गया है कि अब बकायेदारों की खैर नहीं,अगर आप सरकारी सुविधाओं का लाभ लेना चाहते हैं तो, विद्युत बिल जमा करना अनिवार्य है, अगर आप का बिजली का बिल जमा नहीं है तो, आपका आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र ,निवास प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र, किसानों का खसरा, जन्म -मृत्यु प्रमाण पत्र ,कुटुंब रजिस्टर की नकल, जिला प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर /लोक संबोधन प्रणाली ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग की अनुमति, अन्य सेवाएं और प्रधानमंत्री आवास योजना, शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण, खनन पट्टे, आबकारी लाइसेंस, ड्राइवरी लाइसेंस ,वाहन रजिस्ट्रेशन आदि की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी। इसके लिए हर हाल में उपभोक्ता को बिजली विभाग से नोड्यूज यानी जिस महीने में आपको प्रमाण पत्र लेना है उस मांह का बिजली का बिल जमा की रसीद लगाना आवश्यक है। यह नया आदेश 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। ऐसे आदेश के बाद बिजली विभाग जहां राहत की सांस ले रहा है, वहीं उपभोक्ताओं के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी।
बताते चलें कि बिजली बकायेदारों की वसूली को लेकर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है, जिसको देखते हुए यह आदेश जारी किया गया था कि ₹10000 के बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके कनेक्शन हर हाल में विच्छेदित कर दिए जाएं, साथ ही अगर अधिक के बकायेदार है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कार्रवाई की जाए। वही सरकार के आदेश के बाद बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा लगातार क्षेत्र में मुहिम चलाकर कार्य कराया जा रहा है, लेकिन उचित परिणाम नहीं मिलने से नाखुश अधिकारियों ने नया पैंतरा अपनाया है ।जिस के क्रम में विद्युत बकायेदारों को किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का प्रमाण पत्र जारी तब तक नहीं हो सकता है, जब तक उनके द्वारा बिजली बिल जमा का नोड्यूज प्रमाण पत्र यानी बिल जमा की रसीद विभाग को नहीं दिखाया जाएगा। ऐसी स्थिति में आय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, किसानों का खसरा के साथ-साथ शास्त्र लाइसेंस, ड्राइवरी लाइसेंस से जुड़े प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश संबंधित विभागों को भी जारी किया गया है। इसके बाद एक तरफ जहां बिजली विभाग ने राहत की सांस लिया है, वहीं दूसरी तरफ किसान, मजदूर ,व्यवसायियों के सामने धर्म संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके साथ-साथ बच्चों के सामने बहुत बड़ी धर्म संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है ,क्योंकि पठन-पाठन करने वाले बच्चे आय प्रमाण पत्र ,निवास प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र तकतक नहीं बनावा सकते जब तक उनके परिजनों द्वारा बिजली विभाग से बिल जमा का नोड्यूज नही बनाया जाता। इस पूरे मामले पर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड रावर्टसगंज एसके सिंह ने बताया कि 15 सितंबर को गोरखपुर के जिलाधिकारी द्वारा प्रयोग किया गया था, जो बिल्कुल ही सफल था। उनके द्वारा आदेश जारी किया गया कि अगर किसी भी प्रकार का विद्युत बिल बकाया है तो उपभोक्ता का जाति प्रमाण पत्र ,निवास प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र,जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र, कुटुंब रजिस्टर की नकल समेत अनेक सुविधाओं का प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाएगा। उस नियम को जनपद के जिलाधिकारी के आदेश पर लागू किया गया है। अगर आपको किसी भी प्रकार के प्रमाणपत्र की जरूरत है तो आपको उसी माह का विद्युत बिल जमा की रसीद लगाना आवश्यक है नहीं तो आपका कोई भी सरकारी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।