सोनभद्र।जिला पर्यावरण समिति में दिये जाने वाले दिशा-निर्देशो का अनुपालन किया जाय, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के मद्देनजर कूड़ा निस्तारण प्रबन्धन, वायु प्रदूषण नियंत्रण व पानी प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाय। सम्बन्धित अधिकारी दो दिनों के अन्दर अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित रिपोर्ट उपलब्ध करायें।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने जिला पर्यावरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को दियें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला पर्यावरण समिति की बैठक मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण/एनजीटी के दिशा-निर्देषों के अनुरूप की जा रही है, जिसमें सभी पर्यावरणीय मानकों को पूरा करने यानी प्रदूषण नियंत्रण के लिए समयबद्ध कदम उठाये जाने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए शहरी क्षेत्रों के लिए अधिषासी अधिकारीगण, कम्पनियों/औद्योगिक अधिष्ठानों के लिए क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रोड के लिए लोक निर्माण विभाग, परिवहन के लिए परिवहन विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभाग अपनी कार्ययोजना भी तैयार कर लें। जरूरी संसाधनों को पूरा करने के लिए स्टीमेट तैयार करके मांग-पत्र अपने-अपने विभागध्यक्षों को भेजे
। उन्होंने कहा कि शहर के गंदे पानी का प्रदूषण कम करने के लिए वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट, कूड़ा उठान के लिए सूखा व गीला कूड़ा के लिए दो तरीके के कूड़ादान की व्यवस्था की जाय। सीवर लाइन ड्रनेज प्लान भी बनाया जाय। सड़क परिवहन के प्रदूषण पर भी कार्ययोजना बनाया जाय। फसलों का अपषिष्ट न जलाये जाने के सम्बन्ध में किसानों में जन जागरूकता पैदा की जाय। उन्होंने कहाकि एनजीटी के दिशा-निर्देशो के अनुरूप जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को रिपोर्ट उपलब्ध कराया जाय और जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी जिला सूचना विज्ञान अधिकारी के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं को अपलोड करायें। जिला पर्यावरण समिति के सचिव/प्रभागीय वनाधिकारी श्री सजीव कुमार सिंह समय से बैठक कराते हुए एनजीटी के दिषा-निर्देर्षों का अनुपालन अक्षरषः सुनिष्चित करायें। बैठक में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा प्रभागीय वनाधिकारी संजीव कुमार सिंह,क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राधे श्याम, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ओ0पी0 यादव, जिला पूर्ति अधिकारी डॉ0 राकेश तिवारी, जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।