सोनभद्र।उम्भा जमीनी विवाद की तर्ज पर टोलप्लाजा वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे तथा नगरपालिका के नजूल भूमि के गायब खसरा-रजिस्टर की जांच एसआईटी से कराये जाने के संबंध मे मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी सोनभद्र को आज पूर्वांचल नव निर्माण मंच एवं रामगढ़ तहसील बनाओ संघर्ष समिति के नेताओं ने सौंपा। साथ ही ओबरा के साथ-साथ नौगढ़ के कुछ गांव सहित चतरा तथा नगवां विकास खंड को मिलाकर रामगढ़ को तहसील बनाने की माँग भी की।
अलग पूर्वांचल राज्य स्थापना की मांग कर रहे पूर्वांचल नव निर्माण मंच के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष क्रमशः श्रीकांत त्रिपाठी व गिरीश पाण्डेय ने अवगत कराते हुए कहा कि सोनभद्र जनपद मे वनविभाग तथा ग्रामपंचायतों की करोड़ो रुपये की जमीन राजस्व विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा करने का प्रचलन सा चल रहा है ।
जो पुरे जनपद मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
नेता द्वय ने बताया कि टोलप्लाजा से सटे गांव लोढ़ी, वन क्षेत्र चूर्क रेंज मे वन भूमि आराजी संख्या 951 क पर अवैध कब्जा करने के आरोप मे एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने हेतु तहरीर पुलिस को वनाधिकार सोनभद्र द्वारा दिया गया था। जिसपर अभी तक कार्रवाई ना किया जाना जिलाप्रशासन की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। नेता द्वय ने कहा इसी तरह रावर्टसगंज नगरपालिका परिषद से नजूल की जमीन के संबंध मे खसरारजिस्टर गायब होने की एफआईआर दर्ज हुई है। नगर पालिका के रिकार्ड मे करोड़ो की भूमि नजूल खाते मे दर्ज थी , जिसपर अवैध कब्जे की साजिश भी हो सकता है नगर पालिका से गायब खसरारजिस्टर । नेता द्वय ने टोल प्लाजा , वन भूमि के उक्त आराजी संख्या मे अन्य लोगों का नाम कैसे दर्ज किया गया और खसरारजिस्टर गायब होने के पीछे के षडयंत्र को उजागर करने के लिए दोनो मामले की जांच उम्भा भूमि विवाद की जांच के तर्ज पर ही यस आई टी से कराने की मांग की। चौहान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुरली सिंह चौहान ने बताया कि वन भूमि तथा राजस्व भूमि के साथ ही निजी जमीनों पर भी भू-माफिया ओं द्वारा अवैध कब्जा हो रहा है। चौहान ने कुछ दिन पूर्व घोरावल के मरसडा गांव मे श्री पाठक परिवार की निजी भूमि पर अतिक्रमण की बात कही। उपस्थित मंच के मनोज सिंह व चोपन से आये जितेंद्र कुमार , अशोक पाठक, मंसूर आलम ने ओबरा तहसील के साथ ही नगवां चतरा विकास खंड के साथ नौगढ के कुछ गांव को मिलाकर रामगढ़ मे तहसील बनाने की माँग की। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि राजस्व परिषद् मे रामगढ़ तहसील का प्रस्ताव पास हो चुका है। महज सोनभद्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के असंवेदनशीलता के कारण आजतक रामगढ़ तहसील नही बन सका। जबकि तहसील मुख्यालय दूर होने के कारण मुख्यालय से दूरस्थ गांव के लोगों को सदैव परेशान होना पड़ता है और सरकारी संपत्ति की भी सुरक्षा प्रभावित होती है ।