
एजेंसी।जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद ३७० को खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान लगातार यह मसला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा जा रहा है। हालांकि हर तरफ से उसे निराशा ही हाथ लगी है। इस मुद्दे पर उसे उस वक्त एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी जब संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस मसले पर मध्यस्थता से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मसला भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत कर सुलझाएं।
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी की तरफ से एंटोनियो गुटेरेस के सामने इस मसले को उठाया गया था।अब एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टेफिन दुजारेक की ओर से बयान दिया गया है कि भारत-पाकिस्तान को किसी भी तरह के आक्रामक रवैये से बचना चाहिए और दोनों देशों को आपस में बातकर मुद्दे को सुलझाना चाहिए। बता दें कि एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले महीने यूएन समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके अलावा वह पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी मिले थे।
बुधवार ११ सितम्बर को मलीहा लोधी ने यूएन महासचिव से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया. इसी मुलाकात के बाद जबमीडिया की ओर से सवाल दागे गए तो यूएन महसचिव के प्रवक्ता ने कहा कि मध्यस्थता को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्थिति पहले जैसी ही है. उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्षों की तरफ से ऐसी अपील की जाएगी तो इस पर फैसला होगा. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का ये बयान तब आया है जब पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया गया।
हालांकि, वहां भी भारत ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया और बताया कि अनुच्छेद ३७० भारत का आंतरिक मसला है।
गौरतलब है कि इसी महीने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना है।नरेंद्र मोदी और इमरान खान के संबोधन की टाइमिंग भी आसपास ही है। ऐसे में उससे पहले ही ये मसला संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है।अब पूरी दुनिया की नजऱ पीएम मोदी और इमरान खान के संबोधन पर है।
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