बडहोर की नब्बे फिट की ताजिया बनी आकर्षण का केंद्र

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय विवेकानंद)

— सजदे मे सर कटा दिया मेरे हुसैन ने लेकिन झुका न सर झुके खुदा के सामने

—- मातम व गम के माहौल मे निकला मोर्हरम का जुलूस

बभनी ।थाना क्षेत्र में मातमी व गम के साथ मोहर्रम का जुलूस निकला जिसमें बभनी ,बडहोर, चपकी पोखरा, बरवाटोला असनहर के अठ्ठारह अखाड़ों से कुल चौतीस ताजिया जुलूस मे शामिल हुई जहा रास्ते मे मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मातम आसुओं के साथ इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। करबला के मैदान मे जहाँ एक तरफ यजीद की लाखों फौज थी वही दूसरी तरफ इमाम हुसैन के परिवार के बहत्तर लोग थे ।फिर भी उन्होंने अधर्म के खिलाफ जाना गवारा नही समझा।सजदे मे सर कटा कर इस्लाम को बचाया । सारी दुनिया को मुहब्बत का पैगाम दिया । जुलूस मे जहाँ लोग या हुसैन या अली जावेद अहमद मुहम्मद इकबाल की सदायें बुलन्द कर रहे थे वही गमगीन औरते मसीहा पढ रही थी ,लोगो ने डडे व तलवार बाजी के एक से बडकर एक करतब दिखाया । बभनी का मोर्हरम देखने के लिए कई प्रदेशों से लोग ताजिया देखने आये।वहीं बडहोर की 90 फीट की ताजिया आकर्षण का केंद्र रही।

गमगीन माहोल मे शाम को सभी ताजिया को करबला मे ठंडा किया गया । त्योहार के मध्ये नजर सुरक्षा के कडे इन्तजार थे ।बभनी प्रभारी निरीक्षक अविनाश चंद्र सिन्हा मयफोर्स के साथ हर जगह पैनी निगाह रखे हुए थे । जुलूस मे गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिली जहा काफी संख्या मे दुसरे समुदाय के लोगो ने अपनी भागीदारी निभाई।जिसमे जुगल किशोर चतुर्वेदी, उमेश चंद पाण्डेय, पवन कुमार ,सुखसागर यादव आदि ने मुस्लिम समाज के लोगों खैरमकदम किया जुलूस मे अफज़ल अहमद अब्दुल कुद्दुश आरिफ ,अनवर, अब्दुल कुदुश आदि मुख्य रुप से रहे ।पूर्व ब्लाक प्रमुख कासिम हुसैन ने सभी ताजियादारों को फातिहा सिरनी के लिए 11000 हजार रुपये भेट किया जहां प्रशासन की तैनाती में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।

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