(रामजियावन गुप्ता)
— रिहंद परियोजना में मनाए जा रहे हिन्दी पखवाड़े के दौरान नौवें दिन किया गया काव्य पाठ का आयोजन ।
बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी की रिहंद परियोजना में मानव संसाधन विभाग के राजभाषा अनुभाग द्वारा आयोजित हिन्दी पखवाड़े के नौवें दिन सृजन सम्मेलन कक्ष में रिहंद साहित्य मंच के रचनाकारों एवं परियोजना कर्मियों हेतु स्वरचित काव्य पाठ का आयोजन किया गया । आयोजन का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित मा0 सं0 विभाग के अपर महाप्रबंधक के एस मूर्ति ने परंपरागत ढंग से किया । अपने सम्बोधन में श्री मूर्ति ने इस आयोजन में भाग लेने वाले रिहंद साहित्य मंच एवं अन्य कवियों के कविताओं की सराहना करते हुए कहा कि कवियों की कविताएँ समाज में फैली हुई कुरुतियों को दूर करने में काफी सहायक साबित होती हैं । उन्होने उपस्थित रचनाकारों से नशाखोरी, भ्रष्टाचार एवं समाज में फैल रहे अन्य कुरुतियों को अपनी-अपनी कविताओं के माध्यम से दूर करने हेतु भी आग्रह किया ।
कार्यक्रम के शुरुआती दौर में संजीव कुमार राय ने “एक कविता हर माँ के नाम” को सुनाकर माँ के प्रति अपनी प्रेम भावना को दर्शाया । सुमन सिंह “आ मेरे मुन्ने ले चलूँ तुझे दूर” को सुनाया । अगली कड़ी में हिन्दी के प्रति अपने अगाध प्रेम को दर्शाते हुए लक्ष्मी नारायण पन्ना ने “हिन्दी लगा के बिंदी, दुल्हन सँवर गई है” को सुनाकर श्रोताओं की वाह-वाही लूटी । वातावरण में बदलाव लाते हुए मिथिलेश कुमार शर्मा ने शृंगार रस से ओत-प्रोत कविता “देखा मैं जबसे तुझको” को सुनाकर लोगों को तालियाँ बजाने पर बाध्य कर दिया । पुनः शैलेंद्र कुमार अंबर ने पड़ोसी पाक को चेतावनी देते हुए कविता पढ़ कर अपने देश प्रेम की भावना को परिलक्षित किया । राम शकल यादव ने रिहंद परियोजना का गुणगान करते हुए “तीन हज़ार मेगावाट यहाँ बने बिजली” तथा रमेश प्रसाद द्विवेदी ने “अब मैं बूढ़ा होने लगा” को सुनाया । कौशल शर्मा ने “न ख्याल है न बेख्याली है” तथा शत्रुजीत चौधरी, दीपक कुमार श्रीवास्तव व रामजी द्विवेदी ने हिन्दी भाषा पर कविता सुनाकर लोगों को हिन्दी में काम-काज करने हेतु उत्साहित किया । रुद्र देव दूबे ने साक्षात्कार के संदर्भ में तथा मुकेश कुमार ने “बहुत खूबसूरत सरल लिख रहा है” को सुनाकर सम्मेलन कक्ष में श्रोताओं को बाँधे रखा । कव्यापाठ के अंतिम चरण में प्रशांक चंद्रा, अरुण कुमार श्रीवास्तव व कल्लू राम विश्वकर्मा ने भी हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कविताएँ पढ़ी ।
कार्यक्रम का संयोजन आगंतुकों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा एवं जनसंपर्क प्रशांक चंद्रा ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक (सुरक्षा) मुकेश कुमार ने किया ।