विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन

ओबरा/सोनभद्र(सतीश चौबे)नियमों की जानकारी होनी ही चाहिए, जिससे सम्भावित किसी असुविधा से बचा जा सके। विद्यार्थियों को अहम से बचना चाहिए। कभी-कभी छोटी-छोटी बातों को लेकर किशोरों में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। जिसे अच्छा नहीं कहा जा सकता है।उक्त बातें विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर के आयोजन में शिक्षा निकेतन इंटरमीडिएट कॉलेज में सोमवार को स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आरएन पांडेय ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही। इसके पूर्व माँ सरस्वती की तस्वीर के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत व शिक्षाविद ओम प्रकाश त्रिपाठी, कार्यालय अधीक्षक जैदी बाबू, समाज सेवी उमेश चन्द्र मिश्र, प्रधानाचार्य अनिल कुमार तिवारी ने संयुक्त रूप से शुभारंभ किया। माँ सरस्वती की वंदना बेटी नीतू, बेटी महिमा, बेटी अंजुम, बेटी श्वेता, स्वागत गीत बेटी कावेरी, बेटी किरन, बेटी अंजलि, बेटी श्वेता ने प्रस्तुत किया। आगत अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य अनिल कुमार तिवारी ने किया।स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने कहा कि किशोरों को बिना लाइसेंस, बिना हेलमेट आदि के वाहन कदापि नहीं चलाना चाहिए। नियम विरुद्ध होने पर जुर्माना आदि तो देने ही पड़ेंगे। साथ में दुर्घटना की स्थिति में व्यक्ति को मुसीबत का सामना करना पड़ता। घर-परिवार सभी को परेशान उठानी पड़ती है। जेएम के सम्बोधन के पूर्व कॉलेज के ही बेटी रिषिका अग्रवाल, बेटा आदित्य ओझा ने बच्चों के अधिकार पर अपना विचार रखा।शिक्षाविद ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि हमारी अवधारणा पंचपरमेश्वर की रही है। मतभेद या विवाद की स्थिति में पंचपरमेश्वर के फैसले को सभी सहर्ष स्वीकार करते रहे। अब स्थिति में परिवर्तन आ गए हैं, जिससे समस्याएं बढ़ी है। हमें विवाद से बचने की जरूरत है। कभी-कभी न्यायालय में भी विवाद का निपटारा विवादित लोगों के मध्य सुलह समझौते से होते हैं। हमारी कोशिश हो कि विवाद का निपटारा शांति पूर्ण व सुलह समझौते से पहले ही कर लें। शिक्षकों, माता-पिता के आदर करें और अनुशासन में रहें। विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर के आयोजन में शिक्षक सी लाल, प्रवक्ता विनीत श्रीवास्तव, शिक्षका सुमन श्रीवास्तव, श्वेता द्विवेदी की भूमिका सराहनीय रही। राष्ट्रगान से कार्यक्रम पूर्ण हुआ। संचालन व आभार प्रवक्ता प्रमोद चौबे ने व्यक्त किया।

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