हिन्दी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्दों को अपने आप में समाहित करने की क्षमता है – डॉ0 मानिक चंद

रामजीयावन गुप्ता

—- रिहंद परियोजना में आयोजित किए जा रहे हिन्दी पखवाड़े के दौरान पांचवें दिन एनटीपीसी कर्मचारियों हेतु आयोजित किया गया हिन्दी कार्यशाला ।

बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी की रिहंद परियोजना में मानव संसाधन विभाग के राजभाषा अनुभाग के तत्वावधान में मनाए जा रहे हिन्दी पखवाड़े के पांचवें दिन कर्मचारी विकास केंद्र में परियोजना कर्मियों हेतु हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित वरिष्ठ प्रबंधक (कर्मचारी विकास केंद्र) रविन्द्र सिंह ने परंपरागत ढंग से किया । मुख्य अतिथि श्री सिंह नें अपने संबोधन में उपस्थित कर्मचारियों से कार्यालयीन कामकाज हिन्दी भाषा में करने हेतु आग्रह किया । उन्होने कहा कि हिन्दी भाषा अन्य भाषाओं की तुलना में सहज एवं सरल है । जिसे आम जनमानस आसानी से समझ लेता है । इसके पूर्व कार्यक्रम के शुरुआती दौर में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया ।

कार्यशाला में महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ एनटीपीसी परिसर शक्तिनगर, सोनभद्र से बतौर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ0 मानिक चंद पाण्डेय ने लोगों के समक्ष हिन्दी भाषा के विभिन्न स्वरूपों का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्दों को अपने आप में समाहित कर लेने की क्षमता है । यही हिन्दी भाषा की विशेषता को दर्शाता है । उन्होने हिन्दी को आगे बढ़ाने वाले राजाओं के योगदान की भी चर्चा की । उन्होने कहा कि आज जो हिन्दी भाषा इस मुकाम तक पहुंची है उसमें हिन्दी पत्र पत्रिकाओं का भी काफी योगदान रहा है । हिन्दी के संदर्भ में उन्होने कार्यशाला में उपस्थित कर्मचारियों को अन्य विशेष जानकारियाँ भी दी ।

कार्यशाला का संयोजन वरिष्ठ प्रबंधक (मा0 सं0) अजीत कुमार ने किया । आगंतुकों का स्वागत, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक (सुरक्षा) मुकेश कुमार ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से सहायक प्रबंधक (सीएसआर) अरविंद कुमार शुक्ला के साथ-साथ शत्रुजीत चौधरी, राकेश कुमार, नीरज यादव, आशीष वर्मा, मोहसीन खान, उदय कुमार उपाध्याय, संजीव कुमार, प्रेम नाथ, सुमन सिंह, राजेंद्र प्रसाद, कृष्ण मोहन तिवारी, मिथिलेश शर्मा आदि कर्मचारी उपस्थित थे ।

Translate »