लखनऊ। सीएम योगी ने कैबिनेट विस्तार में कई मंत्रियों की छुट्टी कर साफ संकेत दे दिए कि वह काम में कोताही जरा भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। और जो भ्रष्टाचार मुक्त काम करेगा उसी को प्रोन्नत्ति मिलेगी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने सीएम की इस कथनी को गंभीरता से लिया है और मंगलवार को एक के बाद उन्होंने ऐसे फैसले लिए है जिसकी काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने साफ कर दिया है कि बेसिक शिक्षा को वह सबसे आगे ले जाकर ही रहेंगे।
स्थानांतरित होगा बेसिक शिक्षा परिषद ऑफिस-
डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने इस दौरान कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद का कार्यालय लखनऊ ट्रांसफर होगा। स्कूली शिक्षा के लिए अब अलग से निदेशालय बनेगा। इसमें अलग से डायरेक्टर जनरल नियुक्त होगा। बेसिक शिक्षा का अलग संवर्ग बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उसके प्रदर्शन से ही विभाग का प्रदर्शन तय होता है। वहीं सीएम योगी ने बीएसए के चयन पर भी बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवदेन मांगे जाएगा। फिर मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी। कैंडिडेट का इंटरव्यू होगा और उनसे एक्शन प्लान लिया जाएगा।
फर्जी शिक्षक होंगे बाहर-
बेसिक शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि फर्जी शिक्षकों का बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इसको लेकर सूबे में बड़ा अभियान चलाया है। वहीं एसआईटी ने यूपी के 4000 फर्जी शिक्षकों को चिन्हित किया हैं, जिनमें से 1300 कर कार्रवाई की जा चुकी है। यह सभी लोग विभाग से बाहर होंगे।
शिक्षकों का तबादले पर कहा यह-
श्री द्विवेदी ने शिक्षकों का तबादला की समस्या का भी हल निकाला। उन्होंने कहा कि तबादले के लिए इंडेक्स सिस्टम लागू किया जाएगा। पहले पांच साल सेवा पर ही तबादले का नियम था, अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अक्टूबर से आवेदन होंगे। अगले सत्र की शुरुआत से पहले तबादला कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला शिक्षक के लिए तबादले की समयसीमा तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष की जाएगी।पत्रिका के सौजन्य से।