एजेंसी।विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक पर मलेशिया में बड़ी कार्रवाई हुई है। मलेशिया ने जाकिर नाईक के धार्मिक उपदेश देने पर पाबंदी लगा दी है। मलेशिया पुलिस का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जाकिर नाईक के उपदेश देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मलेशिया भर में पुलिस को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया है। रॉयल मलेशिया पुलिस के हेड ऑफ कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस दातुक असमावती अहमद ने भी इसकी पुष्टि की है। जाकिर नाईक मलेशिया में दिक्कतें बढ़ने के बाद अब कानूनी दाव पेंच की आड़ ले रहा है। बता दें कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद तीन दिन पहले ये बयान दे चुके हैं कि अगर यह साबित हो गया कि नाईक की गतिविधियां मलेशिया के लिए नुकसानदेह हैं तो उसका स्थायी निवासी (परमानेंट रेज़िडेंट) दर्जा वापस लिया जा सकता है।
मलेशियाई पुलिस जाकिर नाईक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जाकिर नाईक ने एक लॉ फर्म के जरिए पेनांग के उपमुख्यमंत्री पी रामासामी, बगान डलाम असेंबली के सदस्य सतीस मुनिआंदी, पूर्व राजदूत दातुक डेनिस इगनेटियस और कलांग के सांसद चार्ल्स सेंटियागो के खिलाफ सोमवार को नोटिस भेजा। इस नोटिस में कहा गया है कि ये चारों लोग समुचित मुआवजे के साथ माफी मांगें अन्यथा दो दिन में अवमानना का केस झेलने के लिए तैयार रहें।
ये नोटिस लॉ फर्म अकबेरदीन एंड कंपनी की ओर से भेजे गए हैं। इससे पहले नाईक ने मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन और अन्य चार के खिलाफ भी बीते शुक्रवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जाकिर नाईक ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि इन पांचों ने उसके 8 अगस्त को दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया। नाईक ने रामासामी, मुनिआंदी, इगनेटियस और सेंटियागो को लॉ कंपनी के जरिए नोटिस भेजे हैं उसमें उनके कुछ लेखों और प्रेस रिलीज का हवाला दिया गया है। नाईक के मुताबिक इन लेखों और प्रेस रिलीज से उसकी अवमानना हुई है।