पत्रकारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

राजधानी रायपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय पत्रकार सम्मेलन संपन्नरायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ जर्नलिस्ट यूनियन के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पत्रकार सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन द्वारा प्रदत्त गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता अलंकरण से रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री दामू आम्बेडारे को सम्मानित किया, साथ ही संघ की ओर से सामाजिक समरसता, नारी सशक्तिकरण और पर्यावरण चेतना आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों के राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन को बधाई तथा शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का कार्य बहुत ही संघर्ष और चुनौतीपूर्ण होता है। समाज को जागरूक करने सहित नवीन विचारधारा तथा देश के नव-निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी की तत्परता से उपलब्धता के लिए पत्रकारों को कठिन से कठिन परिस्थिति में कार्य करना पड़ता है। उन्होंने प्रदेश के झीरम कांड का उल्लेख करते हुए जिक्र किया कि ऐसी विषम परिस्थिति में भी सबसे पहले पहुंचने वाले पत्रकार ही थे। इस तरह घटनास्थल से पल-पल की खबरें शीघ्रता से लेकर पूरे समाज को अवगत कराने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि प्रदेश में पत्रकारों के हित में राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इनमें पत्रकारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए समिति गठित कर दी गई है। इसी तरह इनके सम्माननिधि में भी बढ़ोत्तरी कर दी गई है। इसके तहत वरिष्ठ मीडियाकर्मी को प्रतिमाह 5 हजार से बढ़ाकर दस हजार रूपए किया गया है। यह राशि पहले पांच वर्ष के लिए थी, इसे अब आजीवन कर दिया गया है। सम्माननिधि के लिए पहले न्यूनतम आयु 62 वर्ष थी, इसे भी घटाकर अब 60 वर्ष कर दी गई है। इसके अलावा पत्रकारों को स्वयं अथवा उनके आश्रित परिवार के सदस्यों की बीमारियों के इलाज के लिए दी जाने वाली न्यूनतम राशि पांच हजार से बढ़ाकर दस हजार रूपए और अधिकतम राशि 50 हजार से बढ़ाकर दो लाख रूपए कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह भी बताया कि प्रदेश में अब राज्य तथा जिला स्तर ही नहीं अपितु ब्लॉक स्तर पर भी पत्रकारों की अधिमान्यता का प्रावधान किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता केबिनेट मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने करते हुए सभा को संबोधित किया।राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पत्रकार सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के अलावा देश के अन्य प्रांतों से भी पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल हुए है। सम्मेलन में स्वागत भाषण इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के महासचिव श्री परमानन्द पाण्डे एवं आभार प्रदर्शन छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ईश्वर दुबे ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णमोहन झा ने कहा कि आईएफडब्ल्यूजे देश का सबसे पुराना संगठन है 28 अक्टूबर 1950 को स्थापना हुई थी देश के सभी प्रान्तों के 30 हजार पत्रकार यूनियन से जुड़े हुये है मजीठिया आयोग से लेकर श्रम कानून बनवाने में आईएफडब्ल्यूजे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की भूमिका मीडिया के स्वरूप के बदलने से काफी कमजोर हुई है आज मीडिया काउंसिल की आवश्यकता है। वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ,सिद्धार्थ कलहंस ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने की। सम्मेलन के द्वितीय दिवस समापन समारोह के मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक थे। उन्होने सम्मेलन को संबोधित करते हुए वर्तमान पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए।इस अवसर पर मुख्य रूप से रायपुर राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी मल्लिकाअर्जुनाइया राष्ट्रीय प्रधान महासचिव परमानन्द पांडेय राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमन्त तिवारी ,कृष्ण मोहन झा ,विभूति भूषण कर सचिव संजय दुबे ,श्याम बाबू,कार्य समिति के सदस्य संजय द्विवेदी,शंकर दत्त शर्मा,भाष्कर दुबे, ईश्वर दुबे ,टीबी सिंह विजय शंकर चतुर्वेदी,राजेश मिश्रा,सुल्तान शहरयार खान,आशीष वाजपेयी,अजय त्रिवेदी,चंद्रमौलि मिश्रा, अजय द्विवेदी विकाश शर्मा, सहित 22 राज्यो के पत्रकार मौजूद रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहन्स ने की।

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